📍 रिपोर्टर: एशियन टाइम्स टीम | स्थान: पटना, बिहार
पटना पुलिस ने शादी के नाम पर लड़कियों को बहला-फुसलाकर बेचने वाले एक बड़े मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। शुक्रवार को पटना SSP कार्तिकेय के शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि इस गिरोह ने बीते 6 महीनों में लगभग 10 नाबालिग लड़कियों को शादी के बहाने मध्यप्रदेश और राजस्थान में बेच दिया था।
गिरफ्तारी और मास्टरमाइंड
इस मामले में अब तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह का मास्टरमाइंड रोहतास जिले के दिनारा का निवासी बताया जा रहा है, जो फिलहाल फरार है। गिरफ्तार आरोपियों में रोहतास और भोजपुर के दो पुरुष, एक महिला और मध्यप्रदेश के दो युवक शामिल हैं।
शादी के बहाने राजस्थान में बेची गई लड़की
पूरा मामला तब उजागर हुआ जब आरा की एक नाबालिग लड़की राजस्थान के कोटा से खिड़की तोड़कर भाग निकली और किसी तरह ट्रेन पकड़कर दानापुर थाना पहुंची। वहां उसने पूरे रैकेट का खुलासा किया। जांच में पता चला कि लड़की को शादी के नाम पर डेढ़ लाख रुपये में कोटा के एक व्यापारी को बेच दिया गया था।
कैसे हुआ घटनाक्रम?
लड़की के पिता ने बताया कि बेटी घर से अचानक गायब हो गई थी। बाद में पता चला कि वह पटना रेलवे स्टेशन पहुंची थी, जहां उसे गिरोह की एक महिला सदस्य मीना ने बहला-फुसलाकर आरा लाया। तीन दिन तक एक कमरे में बंधक बनाकर रखा गया और फिर रोहतास के दिनारा भेजा गया। वहां शादी करवाकर उसे राजस्थान भेज दिया गया।
बड़े स्तर पर मानव तस्करी
SSP कार्तिकेय शर्मा ने कहा, “यह एक संगठित ह्यूमन ट्रैफिकिंग रैकेट है, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। गिरोह रेलवे स्टेशन पर सक्रिय रहता था और अकेली, नाबालिग लड़कियों को टारगेट करता था। शादी और अच्छी जिंदगी का झांसा देकर बहला-फुसलाते थे।”
रेखा की बहादुरी से खुला गिरोह
दानापुर की रेखा (काल्पनिक नाम) ने 10 दिनों बाद किसी तरह खुद को खिड़की तोड़कर कोटा में बचाया और दानापुर थाना पहुंची। पुलिस ने रेखा के बताए अनुसार रोहतास के दिनारा में छापा मारकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
सोशल मीडिया से संपर्क
जांच में खुलासा हुआ कि रेखा इंस्टाग्राम पर किसी लड़के से बात करती थी, जिसने उसे पटना बुलाया था। बाद में वह गायब हो गई। पिता के मुताबिक, रेखा ने 17 जून की शाम तक घर नहीं लौटने पर चिंता बढ़ी और फिर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
मानव तस्करी से जुड़े कई गैरकानूनी काम
जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह शादी के अलावा अन्य गैरकानूनी कामों में भी शामिल था। मेरिज हॉल के मालिक को भी गिरफ्तार किया गया है, जहां ये फर्जी शादियाँ करवाई जाती थीं। पुलिस को कई वीडियो फुटेज भी मिले हैं जो गिरोह की गतिविधियों को प्रमाणित करते है
यह मामला न सिर्फ बिहार में मानव तस्करी की गंभीरता को उजागर करता है बल्कि पुलिस की तत्परता की भी मिसाल है। SSP कार्तिकेय शर्मा की निगरानी में जिस तरह से पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की, वह सराहनीय है। हालांकि, मास्टरमाइंड अब भी फरार है और उसे पकड़ना अब पुलिस की प्राथमिकता है।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)