“पटना के नए DM डॉ. थियागराजन एस.एम.: उम्मीदों और चुनौतियों के दोराहे पर”

📰 एशियन टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट

लेखक: तनवीर आलम शेख

📍 पटना | 1 जून 2025

बिहार सरकार द्वारा किए गए बड़े प्रशासनिक फेरबदल के तहत गया के जिलाधिकारी रहे डॉ. थियागराजन एस.एम. को पटना का नया जिलाधिकारी (DM) नियुक्त किया गया है। पटना जैसे संवेदनशील और राजनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण जिले की जिम्मेदारी मिलना इस बात का संकेत है कि सरकार उनके प्रशासनिक कौशल पर विश्वास करती है। लेकिन यह जिम्मेदारी चुनौतियों और अपेक्षाओं से भरी हुई है।

  1. अनुभव और तकनीकी सोच:
    डॉ. थियागराजन 2011 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह तमिलनाडु मूल के हैं और इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से आते हैं। वह टेक्नोलॉजी और डेटा आधारित प्रशासन को प्राथमिकता देते हैं।
  2. गया में सफल कार्यकाल:
    गया में DM रहते हुए उन्होंने शहरी विकास, साफ-सफाई और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किए।
    विशेष रूप से बोधगया पर्यटन और पंचायती कार्यों की पारदर्शिता बढ़ाने में उनकी भूमिका सराही गई।
  3. कम बोलने वाले, ज्यादा काम करने वाले अधिकारी:
    चुपचाप कार्य करने की उनकी शैली उन्हें मीडिया की सुर्खियों से दूर रखती है, लेकिन ज़मीनी कामकाज में स्पष्टता और तेजी दिखती है।
  4. जनसंपर्क की कमी:
    गया में कई बार यह देखा गया कि आम जनता से सीधे संवाद या मीडिया इंटरफेस में उनकी मौजूदगी कम रही, जिससे स्थानीय जनभावनाएं कभी-कभी अनसुनी रह गईं।
  5. कठोर प्रशासनिक निर्णय:
    गया में उनके कार्यकाल के दौरान कुछ फैसलों (जैसे दुकानों पर अचानक छापेमारी, सड़क किनारे व्यापारियों को हटाना) ने छोटे व्यवसायियों में नाराजगी भी पैदा की थी।
  6. संवेदनशीलता की परीक्षा:
    पटना एक राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से अत्यधिक संवेदनशील जिला है। यहां के हालात गया से काफी अलग हैं। प्रशासनिक सख्ती के साथ जनसंवाद की भी आवश्यकता है, जो अब तक उनकी शैली का हिस्सा कम रहा है।

नई जिम्मेदारियाँ, नई चुनौतियाँ:

  • BPSC घोटाला विवाद,
  • ट्रैफिक जाम और अतिक्रमण,
  • पटना मेट्रो प्रोजेक्ट में गति,
  • नियमित मॉनसून में जलजमाव की समस्या,
  • चुनाव पूर्व लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना,
    इन सभी मामलों में उनकी अग्निपरीक्षा अब शुरू हो चुकी है।

पटना की जनता को एक ऐसे DM की आवश्यकता है जो न केवल सख्त हो, बल्कि संवेदनशील भी हो। उन्हें आशा है कि डॉ. थियागराजन पुराने प्रशासनिक तौर-तरीकों से अलग हटकर एक व्यावहारिक, सहभागी और तकनीकी दृष्टिकोण लेकर आएंगे।

“गया में काम अच्छा था लेकिन जनता से संवाद की कमी खली। पटना में अगर वो लोगों से जुड़ पाएँ, तो बेहतर होगा।”

“हम उम्मीद करते हैं कि पटना की ट्रैफिक समस्या और जलजमाव पर नए DM तुरंत कार्रवाई करेंगे।”

पटना के नए जिलाधिकारी के रूप में डॉ. थियागराजन एस.एम. का कार्यकाल चुनौतियों से भरा होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह प्रशासनिक अनुशासन और जन भागीदारी के संतुलन को कैसे साधते हैं।

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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