स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास (पुराना) में झंडोत्तोलन करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन

271

भगवान बिरसा मुण्डा एवं वीर सिद्धो कान्हू जैसे अनेक महान सपूतों की बलिदानी भूमि पर मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ और समस्त झारखण्डवासियों तथा देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देता हूँ।

2. आज हम भारत की आजादी की 75वीं वर्षगाँठ पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आजादी के मतवाले अनेक वीर योद्धाओं के शहादत के बाद हमें यह आजादी नसीब हुई है।

3. राष्ट्रीय पर्व की इस पावन बेला में मैं, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेदकर, डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, सरदार पटेल सहित उन तमाम देशभक्तों के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ, जिनके कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान ने हमें आजादी दिलायी ।

4. स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर मैं, झारखण्ड के वीर सपूतों धरती आबा बिरसा मुण्डा, वीर सिद्धो-कान्हू, बाबा तिलका मांझी, चांद-भैरव, बहन फूलो-झानों, वीर बुद्धु भगत, जतरा टाना भगत, नीलाम्बर-पीताम्बर, पाण्डेय गणपत राय, टिकैत उमराव, शहीद विश्वनाथ शाहदेव को भी नमन करता हूँ, जिनके संघर्ष की गौरव गाथा आज भी हमें साहस और संबल प्रदान करती है।

5. देश के आंतरिक और बाह्य सुरक्षा में लगे सेना के और पुलिस के वीर जवानों को भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँ और राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण और बलिदान को सलाम करता हूँ।

6. आजादी के बाद हमारे देश के नीति निर्माताओं ने कल्याणकारी राज्य के आदर्शों के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। मैं नमन करता हूँ देश के संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर को, जिन्होंने आदिवासियों, पिछड़ों, दलितों के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिए, उनको उनका हक दिलाने के लिए अथक प्रयास किया और इनके लिए संवैधानिक सुरक्षा सुनिश्चित की। महान एवं दूरदर्शी सोच रखने वाले बाबा साहेब ने कहा था कि राष्ट्रवाद तभी औचित्य ग्रहण कर सकता है जब लोगों के बीच जाति, नस्ल और रंग का भेद भुलाकर उनके बीच सामाजिक भाईचारा को सर्वोच्च स्थान दिया जाय।

7. अमर शहीद भगत सिंह ने भी कहा था कि भारत में संघर्ष तब तक जारी रहेगा, जब तक मुट्ठी भर शोषणकर्ता अपने हितों की पूर्ति के लिए सामान्य जनता के श्रम का शोषण करते रहेंगे। यह बात सही है कि देश के आदिवासी, पिछड़े एवं दलित वर्ग आजादी के बाद पिछले 75 वर्षों में सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक रूप से काफी सशक्त हुए हैं, लेकिन अभी भी हम ‘समतामूलक समाज’ की स्थापना के लक्ष्य से दूर हैं। मेरे विचार में हम तब तक इस लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते जब तक हम व्यक्ति द्वारा व्यक्ति के शोषण को रोकने में सफल नहीं होंगे।

8. हमारी सरकार गठन के बाद हमने यह लक्ष्य तय किया कि आजादी के संघर्ष में बलिदान देने वाले झारखण्ड के वीर सपूतों के सपनों का झारखण्ड बनायेंगे। जिन उम्मीदों को लेकर अलग झारखण्ड राज्य का निर्माण हुआ था, हम उनको पूरा करने के लिए मजबूत एवं ईमानदार प्रयास करेंगे। हमारी सरकार विकासमूल मंत्र, आधार लोकतंत्र के दृष्टिकोण के साथ एक सशक्त राज्य के निर्माण हेतु निरतंर पय्रत्नशील है।

9. नवाचार सूचकांक में झारखण्ड का प्रदर्शन बेहतर हुआ है और हम कई पायदान आगे बढ़े हैं। स्वच्छता मानकों में भी हम कई राज्यों से बेहतर स्थिति में है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में शिशु मृत्यु दर, कुपोषण तथा महिलाओं एवं बच्चों में व्याप्त एनीमिया में उल्लेखनीय रूप से कमी आयी है। हमारे नौनिहालों और गर्भवती माताओं के लिए अब राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और देखभाल सुनिश्चित हुआ है। जहाँ कई राज्यों में पेड़ों और जंगलों को काटे जाने से हरियाली कम हुई है वहीं हमारे राज्य ने वन संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2019 से वर्ष 2021 के बीच वन क्षेत्र में 110 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि दर्ज की है। राज्य में सड़क मार्ग, रेल मार्ग, वायुमार्ग और जल मार्ग का विस्तार हुआ है। राज्य में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के स्तर में उन्नयन हुआ है। ये सब राज्य के विकास के पथ पर अग्रसर होने के सूचक हैं। वहीं दूसरी तरफ युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना और श्रमिकों का पलायन अभी भी राज्य के लिए चुनौती बनी हुई है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here