चाणक्य नीति : इन कार्यों के पश्चात तुरंत स्नान करना चाहिए, वरना स्वास्थ्य होगा खराब

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आचार्य चाणक्य महान अर्थशास्त्री, रणनीतिकार और शिक्षाविद् थे,उन्होंने समाज को अच्छा बनाने के लिए काफी प्रयास किए। इतना ही नहीं आचार्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से व्यक्ति को सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। आचार्य चाणक्य की कुछ नीतियां जरूर कठोर लगे लेकिन यहीं नीतियां व्यक्ति को खुशहाल बनाने में मदद करती हैं। चाणक्य ने व्यक्ति के जीवन की ऐसी छोटी-छोटी बातों के बारे में बताया है जिनका पालन करके व्यक्ति हर काम में सफलता पाने के साथ खुशी के साथ रह सकता है। ऐसे ही चाणक्य ने अपने श्वोक में उन चीजों के बारे में बताया है जिन्हें करने के बाद व्यक्ति को जरूर स्नान करना चाहिए

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति अगर पूरे शरीर में तेल लगाता है, तो उसके बाद अवश्य स्नान करना चाहिए। क्योंकि तेल से मालिश करने के बाद शरीर से काफी गंदगी निकलती है। ऐसे में अगर व्यक्ति बिना स्नान किए कपड़े पहन लेगा, तो उसके कपड़े तो गंदे होगे ही, इसके साथ ही गदंगी फिर से शरीर के अदंर चली जाएगी।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जब घर में या फिर किसी करीबी के घर में देहांत होने के बाद शमशान घाट जाते हैं, तो वहां से वापस आने के बाद सबसे पहले स्नान करना चाहिए। क्योंकि शमशान घाट में हर तरह के लोगों के दाह संस्कार किया जाता है। ऐसे में वहां पर मौजूद विभिन्न तरह के किटाणु शरीर में चिपक जाते हैं जो घर आने पर चारों ओर फैलकर आपके परिवार के लोगों को भी बीमार कर सकते हैं.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, व्यक्ति को बाल कटाने के बाद भी तुरंत नहाना चाहिए। क्योंकि शरीर में छोटे-छोटे बाल घुस जाते हैं जो स्वास्थ्य पर तो बुरा असर डालते ही है। इसके साथ ही हर जगह गिर जाता है, इसलिए बाल कटवाने के बाद स्नान जरूर करें।

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