RO का पानी कितने TDS पर पीना चाहिए? शरीर को एक दिन में कितने पानी की होती है जरुरत?

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पानी की शुद्धता कितनी होनी चाहिए, साथ ही स्वास्थ्य मानव शरीर को कितने पानी की जरुरत होती है हमेशा से चर्चा का विषय रहा है. इस पर लगातार शोध जारी है और इस क्षेत्र में हर शोध हमेशा बेहतर माना जाता है.

Purity of Water and Its Need for the Body: धरती के सबसे कीमती चीजों में से एक पानी है. इसका इस्तेमाल दुनिया के सभी लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करते हैं. पानी और उससे जुड़ी नासमझी या मनमानी का नतीजा आज एक तरफ जहां जलवायु असंतुलन के तौर पर दिख रहा है तो वहीं शारीरिक तौर पर भी पानी का असंतुलन सेहत की गंभीर समस्या बनकर सामने आ रहा है. जलवायु असंतुलन दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम यह हुआ कि संसार के कई हिस्सों में लोगों को सेहतमंद रहने के लिए जितना पानी जरूरी है वह उन्हें मिल नहीं पाता.

हालिया दिनों में पानी के कमी से कई तरह की गंभीर बीमारियों हो जाती हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ठंड के मौसम में देखा जाता है कि कई लोग पानी का सेवन बेहद कम करते हैं या न के बराबर करते हैं, जबकि मौसम चाहे सर्दी का हो या फिर गर्मी का, हर इंसान को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. कई बार हम सेहत के लिए लाभदायक मानकर जरूरत से ज्यादा पानी पी लेते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित हो जाता है. इसलिए शरीर की जरूरत के हिसाब से पानी पीना चाहिए. वहीं इस वैज्ञानिक तकनीकों से युक्त दौर में पानी की शुद्धता को लेकर भी काफी सावधानी बरती जा रही हैं. लेकिन पानी की शुद्धता की एक निश्चित सीमा है. उस सीमा से अधिक शुद्ध पानी या अशुद्ध पानी सेहत पर बुरा असर डालता है. आज हम इसी विषय पर इस लेख में चर्चा करेंगे-

RO या दूसरी तकनीकों से पानी की शुद्धता का क्या हो पैमाना
आजकल ज्यादातर लोगों के घरों में RO सिस्टम लगे हैं. उससे फिल्टर होकर आने वाले पानी को हम शुद्ध पानी मान लेते हैं. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैण्डर्ड ने RO या दूसरी तकनीक से साफ़ किये गए पानी के लिए एक आदर्श पैमाना तय किया है. पानी की शुद्धता को Total dissolved solids (TDS) में मापते हैं.

एक रिपोर्ट में Bureau of Indian Standards के मुताबिक अगर एक लीटर पानी में TDS यानी Total Dissolved Solids की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम है तो ये पानी पीने योग्य है. लेकिन ये मात्रा 250 मिलीग्राम से कम नहीं होनी चाहिए क्योंकि, इससे पानी में मौजूद खनिज आपके शरीर में नहीं पहुंच पाते.

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