आईएएस अधिकारी से लेकर राजनेता के रूप में जिस RCP सिंह ने तीन दशक तक नीतीश कुमार के साथ साये की तरह काम किया, उनके बारे में बोलने में नीतीश कुमार अब भाषायी औऱ सियासी मर्यादाओं को तार-तार कर दे रहे हैं. कुछ दिनों पहले नीतीश ने RCP सिंह को लेकर कहा था-कौंची है ऊ, क्या हैसियत है उसकी, क्या वैल्यू है उसकी। RCP सिंह ने आज नीतीश को जवाब दिया। RCP सिंह ने आज कहा-1982 में जब नीतीश कुमार रोड की धूल फांक कर रहे थे, उस वक्त मैं आईएएस था। नीतीश कुमार नेवी की परीक्षा में फेल हो गये थे। मैं आईएएस की परीक्षा में देश भर में 13वें रैंक पर था।
नीतीश कुमार के पर्सनल हमले से नाराज आरसीपी सिंह ने आज आरा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि नीतीश कुमार लोगों को मेरी औकात बता रहे हैं. वे क्या मेरी औकात नापेंगे। नीतीश कुमार की खुद की औकात ही नहीं है. जब वे कुछ नहीं थे तब भी मेरी औकात उनसे ज्यादा थी और अब भी ज्यादा है. आरसीपी सिंह बोले-1982 में हम आईएएस बन गये थे. उस वक्त नीतीश कुमार कुछ नहीं थे और टिकट लेने के लिए नेताओं के दरवाजे पर घूम रहे थे. नीतीश कुमार तो नेवी की नौकरी के लिए परीक्षा देकर फेल हो गये थे।
आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार खुद को बड़ा नेता मानते हैं, देश की कोई दूसरी पार्टी उन्हें नेता मानने को तैयार नहीं है. वे विपक्षी पार्टियों को एक कर नरेंद्र मोदी को हराने चले हैं, लेकिन पहले खुद की हैसियत तो देख लें. आरसीपी सिंह ने कहा कि वे जेडीयू कार्यकर्ताओं से मिलने के अभियान पर निकले हुए हैं। कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनकी राय जान रहे हैं. उसके बाद आगे का फैसला लेंगे।
बता दें कि कुछ दिनों पहले नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह पर काफी तीखा हमला बोला था. मीडिया ने जब आरसीपी सिंह को लेकर नीतीश से सवाल पूछा था को भड़के नीतीश कुमार ने कहा था “ आप उसका क्या नाम ले रहे हैं, ऊ कौंची है… उसको बनाया कौन राजनीति में, लाया कौन राजनीति में…. ऊ तो आईएएस था, कौन बनाया था उसको अपना प्राइवेट सेक्रेट्री।
उसके बोलने का कोई मतलब है, ऊ कहां से राजनीति में आय़ा, कौन लेकर आया…. उस आदमी के बारे में तो आपको लोगों को पूछना भी नहीं चाहिये. उसकी हैसियत क्या है. अरे ऊ बोलता है तो बोलने न दीजिये उसको…. उसका क्या वैल्यू है, उसके बारे में चर्चा भी मत करिये.”
बौखलाये नीतीश यहीं तक नहीं रूके. तू-तड़ाक के अंदाज में आरसीपी के बारे में लगातार बोलते रहे। “ऊ क्या बोलता है, उसके बोलने का कोई मतलब है, ऊ कहां से राजनीति में आय़ा, कौन लेकर आया…. अब ऊ क्या-क्या बोलता रहता है. तरह-तरह की बात बोलता रहता है. उस आदमी के बारे में तो आपको लोगों को पूछना भी नहीं चाहिये. उसकी हैसियत क्या है. अरे ऊ बोलता है तो बोलने न दीजिये उसको. अरे सुन लीजिये, वो बीजेपी के अंदर था….अब ऊ चला गया, जाने दीजिये उसको… उसका क्या वैल्यू है, आप लोग ई सब छोड़िये…. उसके बारे में चर्चा भी मत करिये।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)