दुनिया के कई दोशों में इस वक्त जंग के हालात हैं। अफगानिस्तान पर 20 सालों तक अमेरिका सेना के रहने के बाद वापस लौटते ही तालिबानियों ने पूरे अफगान पर कब्ज कर लिया और देश को नर्क बना दिया।
इसी तरह कई देशों के बीच युद्ध के हालात हैं। इस बीच संयुक्त अरब अमीरात के भी हालात ठीक नहीं हैं। यहां हुती विद्रोहियों और सरकार के बीच संघर्ष जारी है। जिसके लिए अमेरिका ने हाथ बढ़ाया है और अपने फाइटर जेट और जंगी जहाजों को UAE भेजा है। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि, यूएई में एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक और अत्याधुनिक लड़ाकू जेट तैनात करेगा।
यमन के हूथी बागियों द्वारा यूएई पर कई मिसाइल हमलों के बाद अमेरिका ने यूएई के पास अपने लड़ाकू जहाज और विमान भेजने का फैसला किया है। यूएई पर अभी तक तीन मिसाइल हमले हो चुके हैं। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि, इस तैनाती का उद्देश्य यूएई को मौजूदा खतरे के खिलाफ सहायता देना है।
यूएई यमन के हूथी बागियों से युद्ध कर रहे सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है। हूथियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है और अब उन्होंने सऊदी के अलावा यूएई को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। वो यूएई पर तीन हफ्तों में तीन मिसाइल हमले कर चुके हैं। इन हमलों से सात सालों से चल रहे यमन युद्ध में एक नया मोड़ आ गया है। इस युद्ध में अभी तक लाखों लोग मारे जा चुके हैं और करोड़ों विस्थापित हो चुके हैं। अमेरिकी मदद अमेरिका इस गठबंधन का समर्थक है। अमेरिका ने कहा है कि, अमेरिकी नौसेना का गाइडेन मिसाइल विनाशक यूएसएस कोल यूएई की नौसेना के साथ साझेदारी में काम करेगा और अबू धाबी में बंदरगाह पर रुकेगा। अमेरिका नवीनतम तकनीक वाले पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान भी तैनात करेगा। इसके अलावा अमेरिका ‘अर्ली वॉर्निंग इंटेलिजेंस’ देना भी जारी रखेगा। इसपर यूएस ने कहा है कि, यह स्पष्ट संदेश है कि अमेरिका यूएई के साथ एक दीर्घकालिक सामरिक साझेदार के रूप में खड़ा है।