प्रशांत किशोर को सिविल कोर्ट से मिली बिना शर्त जमानत: जनता के समर्थन का दावा

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बेऊर जेल में आदेश का इंतजार पटना सिविल कोर्ट ने सोमवार दोपहर प्रशांत किशोर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। आदेश के बाद देर शाम उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया, लेकिन जेल प्रशासन के पास कोर्ट का आदेश नहीं पहुंचने से स्थिति अटकी रही। पुलिस उन्हें बेऊर थाने ले गई, जहां प्रशांत किशोर कुछ समय तक रहे।

प्रशांत किशोर को सिविल कोर्ट से मिली बिना शर्त जमानत: जनता के समर्थन का दावा

सोमवार को पटना में हुए घटनाक्रम का विस्तार

जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर को पटना सिविल कोर्ट से सोमवार को बिना शर्त जमानत मिल गई। इसके बाद उन्होंने पटना के शेखपुरा हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इसे जनता के समर्थन की जीत बताया। प्रशांत किशोर का कहना था कि पुलिस प्रशासन उनके खिलाफ सही कागजात पेश करने में असमर्थ रहा, जबकि कोर्ट ने उनके अनुरोध को स्वीकारते हुए उन्हें राहत दी।

जेल भेजने की तैयारी में आई अड़चन: देर रात तक चला इंतजार बेऊर जेल में आदेश का इंतजार

पटना सिविल कोर्ट ने सोमवार दोपहर प्रशांत किशोर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। आदेश के बाद देर शाम उन्हें बेऊर जेल ले जाया गया, लेकिन जेल प्रशासन के पास कोर्ट का आदेश नहीं पहुंचने से स्थिति अटकी रही। पुलिस उन्हें बेऊर थाने ले गई, जहां प्रशांत किशोर कुछ समय तक रहे।

अनशन जारी रहेगा: प्रशांत किशोर जनता के समर्थन के लिए दृढ़ संकल्प

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनका अनशन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “मैंने अनशन नहीं छोड़ा है और न ही छोड़ूंगा। आधी रात को बैठक के बाद मंगलवार को अनशन की नई जगह की घोषणा की जाएगी।”

गिरफ्तारी और जमानत तक का घटनाक्रम BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में शुरू हुआ आंदोलन

प्रशांत किशोर ने 2 जनवरी की शाम 5 बजे से BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन में आमरण अनशन शुरू किया था। सोमवार सुबह 4 बजे उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी के बाद पटना सिविल कोर्ट में पेशी हुई, जहां SDJM आरती उपाध्याय ने 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर उन्हें जमानत दी।

अदालत में खुद रखी अपनी बात पुलिसिया कार्रवाई के खिलाफ उठाई आवाज

कोर्ट में पेशी के दौरान प्रशांत किशोर ने खुद अपनी बात रखी। उन्होंने जज के समक्ष पुलिसिया बर्बरता का जिक्र करते हुए बताया कि किस प्रकार उनका अधिकार हनन किया गया। उन्होंने सशर्त जमानत लेने से इंकार कर दिया, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें बिना शर्त रिहाई दी।

जनता का समर्थन मिलने का दावा रुकना नहीं है, रुका तो मन बढ़ेगा”

कोर्ट से बाहर निकलने के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से कहा, “रुकना नहीं है। अगर रुक गया तो कई लोगों का मन बढ़ेगा। जेल से भी अनशन जारी रहेगा।” पीके के वकील का बयान

बिना शर्त जमानत पर खुशी जताई

प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरी ने बताया कि उनके मुवक्किल को बिना शर्त जमानत मिली है। उन्होंने कोर्ट के निर्णय को लोकतंत्र और जनता की जीत बताया।

प्रशांत किशोर का आंदोलन: उद्देश्य और भविष्य की योजनाएं

युवाओं के अधिकार के लिए संघर्ष

प्रशांत किशोर ने कहा कि उनका आंदोलन केवल BPSC अभ्यर्थियों के समर्थन तक सीमित नहीं है। यह आंदोलन युवाओं के अधिकार और शासन-प्रणाली में पारदर्शिता के लिए है। उन्होंने घोषणा की कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।

विरोधियों पर निशाना

सरकार की नीतियों पर सवाल

प्रशांत किशोर ने अपनी गिरफ्तारी को साजिश करार देते हुए कहा कि सरकार उनकी आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं है, यह हर उस व्यक्ति की है जो अन्याय के खिलाफ खड़ा है।”

घटनाक्रम का विस्तृत विश्लेषण

सरकार और आंदोलनकारियों के बीच तनाव प्रशांत किशोर के आंदोलन ने राज्य में नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। उनकी गिरफ्तारी और रिहाई के घटनाक्रम ने प्रशासनिक कार्रवाई पर कई सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला राज्य की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।

प्रशांत किशोर की रणनीति

आंदोलन को धार देने की योजना

प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आने वाले दिनों में जनसुराज आंदोलन को और मजबूती दी जाएगी। इसके लिए राज्य भर में रैलियां और जनसभा आयोजित की जाएंगी।

प्रशांत किशोर को मिली जमानत ने उनकी राजनीतिक और सामाजिक लड़ाई को नई ऊर्जा दी है। उनके द्वारा अनशन जारी रखने की घोषणा से साफ है कि यह मामला अभी थमने वाला नहीं है। उनका संघर्ष सरकार के लिए चुनौती बन सकता है।

@tanvir sheikh

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