एयर इंडिया विमान दुर्घटना 2025: टेक-ऑफ के कुछ मिनटों में विनाश, देश स्तब्ध |

एयर इंडिया विमान दुर्घटना 2025: टेक-ऑफ के कुछ मिनटों में विनाश, देश स्तब्ध | 

✍ रिपोर्ट: तनवीर आलम शेख, प्रधान संपादक

 स्थान: अहमदाबाद | दिनांक: 12 जून 2025 प्रकाशक: एशियन टाइम्स नेटवर्क

प्रस्तावना: एक सामान्य दिन, जो इतिहास में दर्ज हो गया

12 जून 2025 की दोपहर, जब सूर्य गुजरात की राजधानी अहमदाबाद के ऊपर चढ़ रहा था, शहर के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सामान्य उड़ानें चल रही थीं। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक आधुनिक Boeing 787-8 ड्रीमलाइनर, लंदन गैटविक के लिए टेक-ऑफ की तैयारी कर रही थी। यह यात्रा महज़ एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं थी, बल्कि 244 लोगों की उम्मीदों, घर लौटने की योजनाओं, पर्यटन, काम और शिक्षा से जुड़ी थी।

मगर टेक-ऑफ के महज़ दो मिनट बाद, जो हुआ — वह एक त्रासदी बनकर देश की आत्मा को झकझोर गया। फ्लाइट MAYDAY कॉल भेजते हुए संपर्क से बाहर हो गई और शहर के भीड़भाड़ वाले मेघानी नगर इलाके में क्रैश हो गई।

घटना विवरण: तकनीक की चूक या दुर्भाग्य? 

टेक्निकल प्रोफाइल

विमान मॉडल: Boeing 787-8 Dreamliner

रजिस्ट्रेशन नंबर: VT-ANB

उड़ान संख्या: AI171

गंतव्य: लंदन गैटविक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा यात्रियों की संख्या: 232 यात्री क्रू मेंबर: 12 (2 पायलट, 10 केबिन क्रू)

फ्लाइट ने लगभग 13:38 IST पर टेक-ऑफ किया। रडार रिकॉर्ड के अनुसार, विमान 625 से 825 फीट तक ऊँचाई पर गया। तभी कंट्रोल टावर को MAYDAY कॉल प्राप्त हुआ, और अगले ही क्षण विमान ADS-B रडार से गायब हो गया। 

क्रैश स्थल

स्थान: मेघानी नगर, अहमदाबाद — एक रिहायशी इलाका स्थिति: विमान आवासीय कॉलोनी के बीच क्रैश हुआ। कई घर ध्वस्त, वाहन जल गए और अग्नि की लपटें 30 फीट तक उठीं।

आपातकालीन कार्रवाई: जंग जैसे हालात

रेस्क्यू ऑपरेशन

गुजरात NDRF की 3 यूनिट्स ने तुरंत पहुंचकर ऑपरेशन शुरू किया।एयरपोर्ट अग्निशमन इकाई, स्थानीय पुलिस, मेडिकल स्टाफ ने इलाके को सील किया। 70 से अधिक घायलों को सिविल अस्पताल और अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों की पुष्टि 68 के आसपास बताई जा रही है (अंतिम गिनती अभी जारी)।

प्राथमिक चिकित्सा

20 से ज्यादा यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं।बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष वार्ड बनाए गए हैं।

मानवता की तस्वीरें: दर्द, आंसू और उम्मीद

मां की पुकार

“मेरा बेटा लंदन में पढ़ने जा रहा था… मैंने रोते हुए उसे गले लगाया था… लेकिन किस्मत ने मुझे सदा के लिए उससे जुदा कर दिया,”— यह कहना था विमला देवी का, जिनका 19 वर्षीय बेटा आदित्य कुमार विमान में था।

एक पूरा परिवार खत्म

महाराष्ट्र से आए शाह परिवार के चार सदस्य — दंपती और दो बच्चे — इस हादसे में खत्म हो गए। उनके पड़ोसी ने कहा, “वो बस छुट्टियों पर जा रहे थे, ये उनका पहला इंटरनेशनल ट्रिप था।”

सरकार और एयर इंडिया की प्रतिक्रिया

एयर इंडिया

बयान: चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा: “हम गहरे दुःख में हैं और पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं।”इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया:

सरकारी प्रतिक्रिया

नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने व्यक्तिगत रूप से बचाव ऑपरेशन की निगरानी की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया:
“अहमदाबाद में विमान हादसे से गहरा दुःख हुआ। पीड़ितों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएँ हैं। राहत कार्य तेज़ी से जारी है।”गृह मंत्री अमित शाह और गुजरात CM भूपेंद्र पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया।

तकनीकी जांच और सुरक्षा सवाल

DGCA और AAIB की संयुक्त जांच

कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) को बरामद कर लिया गया है। Boeing और Rolls Royce (इंजन निर्माता) की टीम भी अमेरिका से भारत रवाना हुई है। प्रारंभिक संदेह: इंजन विफलता संभावित बर्ड हिट सॉफ़्टवेयर कम्युनिकेशन फेल्योर

विशेषज्ञों की राय: क्या यह टाला जा सकता था?

कैप्टन राकेश सिंह

, सेवानिवृत्त पायलट (Air India):

“Dreamliner जैसे अत्याधुनिक विमान में इंजन ड्यूल कंट्रोल होता है। अगर इतनी जल्दी फेल हुआ तो या तो ईंधन प्रणाली में गड़बड़ी थी या रनवे पर ही कुछ टकराया।”

एविएशन एनालिस्ट रमन साहा

“भारत को अब हर उड़ान से पहले बर्ड एक्टिविटी और इंजन थ्रस्ट चेक को कठोर करना होगा।”

समाज की प्रतिक्रिया और सामूहिक दुख

सोशल मीडिया

देशभर में कई स्थानों पर कैंडल मार्च निकाले गए — दिल्ली, मुंबई, पटना, लखनऊ, जयपुर में आम जनता सड़क पर उतरी।

अहमदाबाद की जामा मस्जिद, अक्षरधाम मंदिर, और स्थानीय गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित हुई।

भविष्य की ओर: सवाल जो अनुत्तरित हैं

क्या यात्रियों की जान और बेहतर सुरक्षा प्रणाली से बच सकती थी? एयर इंडिया की पुराने बेड़े की विमानों पर निर्भरता कितना सुरक्षित है? एयर ट्रैफिक कंट्रोल और इंजन मॉनिटरिंग सिस्टम में सुधार कब तक?

निष्कर्ष: एक देश का रोता हुआ दिल

यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी दुर्घटना नहीं है — यह हमारी सुरक्षा व्यवस्था, ट्रेनिंग, आपात प्रतिक्रिया, और हवाई सेवा के प्रति दृष्टिकोण पर कठोर सवाल खड़ा करता है।

जब एक मां, अपने बेटे की राख लेकर लंदन जाने की सोचती है, तो यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं — एक राष्ट्र की विवशता बन जाती है।

एशियन टाइम्स विशेष रिपोर्ट

 

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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