दिल्ली: DPS द्वारका में फीस बढ़ोतरी विवाद, बाउंसरों ने छात्रों को स्कूल में प्रवेश से रोका, हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला

 

दिल्ली के नामी स्कूलों में से एक, दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS), द्वारका एक बड़े विवाद में घिर गया है। स्कूल की मनमानी फीस बढ़ोतरी के विरोध में आवाज उठाने वाले अभिभावकों के बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया। 16 मई को ऐसा ही एक मामला सामने आया जब पिंकी पांडे नामक महिला ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को स्कूल में घुसने से बाउंसरों ने रोका और हाथ पकड़कर गेट पर रोक लिया।

पिंकी पांडे दिल्ली निवासी हैं और उनके दोनों बच्चे – बेटा 10वीं में और बेटी 6वीं कक्षा में DPS द्वारका में पढ़ते हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल की एक टीचर बच्चों की सूची लेकर गेट पर खड़ी थी और बाउंसरों को बता रही थी कि किसे अंदर जाने देना है और किसे नहीं। इस घटना ने अभिभावकों में भारी रोष भर दिया।

असल में, DPS द्वारका ने 2025-26 सत्र के लिए फीस में भारी वृद्धि कर दी है, जिसे लेकर विवाद शुरू हुआ। अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल ने डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन (DoE) की मंजूरी के बिना बीते 5 सालों में फीस को ₹1,39,630 से बढ़ाकर लगभग ₹1,90,000 कर दिया।

जब कुछ अभिभावकों ने इस वृद्धि का विरोध किया, तो स्कूल प्रशासन ने 32 बच्चों को बाहर का रास्ता दिखा दिया और स्कूल के गेट पर बाउंसर तैनात कर दिए ताकि वे अंदर प्रवेश न कर सकें।

इस मामले को लेकर 100 से ज्यादा अभिभावकों ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्कूल की कड़ी आलोचना करते हुए उसे ‘पैसे कमाने की मशीन’ बताया और छात्रों के साथ हुए व्यवहार को ‘मानसिक यातना’ की संज्ञा दी।

अभिभावक न्याय की मांग कर रहे हैं और स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इस विवाद ने दिल्ली में निजी स्कूलों की फीस नीति और प्रशासनिक मनमानी पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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