समीर वानखेड़े को तगड़ा झटका, एनसीपी नेता नवाब मलिक की शिकायत के बाद बार का लाइसेंस रद्द

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मुंबई, 2 फरवरी। मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को तगड़ा झटका लगा है। वानखेड़े के नवी मुंबई स्थित होटल और बार का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

बताया जा रहा है कि एनसीपी नेता नवाब मलिक की शिकायत के बाद थाणे के कलेक्टर राजेश नार्वेकर ने उनके सदगुरु होटल और बार का लाइसेंस रद्द र दिया। नवाब मलिक ने शिकायत की थी की वानखेड़े ने जानबूझकर धोखाधड़ी के माध्यम से यह लाइसेंस प्राप्त किया था। खबरों की मानें तो समीर वानखेड़े ने 1997 में दायर लाइसेंस आवेदन में अपनी उम्र को गलत तरीके से पेश किया था।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने अपनी शिकायत में कहा था कि समीर वानखेड़े के पास 1997 से अब तक परमिट रूम और बार लाइसेंस है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि वानखेड़े नवी मुंबई में सदगुरु नाम से एक होटल और बार चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या कोई केंद्र सरकार का अधिकारी अपने नाम पर बार का लाइसेंस रख सकता है?

लाइसेंस के तहत समीर वानखेड़े को शराब, हल्के पेय पदार्थ और फरमेंटेड शराब बेचने की अनुमिती दी गई थी। खबर के मुताबिक ठाणे के डीएम ने आबकारी अधीक्षक और वानखेड़े के वकील की दलील सुनने के बाद होटल का लाइसेंस रद्द करने का फैसला लिया। उन्होंने अपनी जांच पड़ताल में पाया कि जिस समय उन्होंने लाइसेंस के लिए आवेदन किया उस समय उनकी उम्र 18 वर्ष थी, जबकि लाइसेंस पाने कि वैध उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। इसके बाद निषेध अधिनियम की धारा 54 के तहत उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया।

नवाब मलिक के आरोपों के बाद वानखेड़े ने कहा था कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में शामिल होने से बहुत पहले ही उन्होंने लाइसेंस प्राप्त कर लिया था, लेकिन मामला आयु सीमा पर लटक गया, जिस उम्र में उन्हें लाइसेंस मिला उस समय वह लाइसेंस पाने के हकदार नहीं थे और उन्होंने दस्तावेजों में अपनी आयु गलत बताई।

आर्यन खान मामले के बाद नवाब मलिक और वानखेड़े आमने-सामने
बता दें कि जब से शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया तब से नवाब मलिक और समीर वानखेड़े में तनातनी चल रही है। आर्यन खान ड्रग्स मामले की जांच वानखेड़े ही कर रहे थे। मलिक ने उन पर आरोप लगाया था कि वह फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने समीर वानखेड़े को मुस्लिम भी बताया था। उन्होंने दावा किया था कि वानखेड़े ने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद एससी कोटे के तहत आईआरएस अधिकारी के रूप में नौकरी पाने के लिए जाली जाति प्रमाण पत्र और दस्तावेज बनवाए।

SOURCE ONEINDIA

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