राजद को लगा बड़ा झटका, अनंत सिंह के बाद अब अनिल सहनी की भी विधायक की सदस्यता गई

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चली गयी सदस्यता

अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाले में राजद विधायक अनिल कुमार सहनी की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो जाएगी। आपराधिक मामले में कोर्ट से सजा मिलने के चलते विधानसभा सदस्यता गंवाने वाले अनिल बिहार के पांचवें विधायक होंगे। राजद विधायकों की संख्या अब घटकर 78 हो जाएगी।

शनिवार को सजा सुनाए जाने के बाद अब अनिल कुमार सहनी की विधानसभा सदस्यता चली गई है। अनिल सहनी फिलहाल कुढ़नी से आरजेडी के विधायक हैं और नियम के मुताबिक 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर है उनकी विधानसभा सदस्यता जानी तय है। अनिल सहनी अनंत सिंह के बाद आरजेडी के दूसरे से विधायक होंगे, जिनकी सदस्यता इसी साल गई। अनिल सहनी की सदस्यता खत्म किए जाने की औपचारिक अधिसूचना भी जल्द जारी हो जाएगी।

आरजेडी के विधायक रहे अनंत सिंह के बाद विधानसभा में आरजेडी के दूसरे एमएलए अनिल कुमार सहनी की विधायकी सदस्यता भी चली जानी तय है। आरजेडी विधायक अनिल सहनी को यात्रा भत्ता में फर्जीवाड़े के मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सजा सुनायी है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर सदस्यता जानी तय है। कोर्ट के फैसले के साथ ही अनिल सहनी की सदस्यता खत्म हो गई है। अब जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 और संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (ई) के नियमों के तहत अनिल सहनी को दोषसिद्धी (कनविक्शन) की तारीख यानी 3 सितंबर के प्रभाव से बिहार विधानसभा की सदस्यता से निरर्हित किया जाने की औपचारिक रुप से अधिसूचना शीघ्र ही जारी हो जाएगी। अनिल सहनी की विधायकी चले जाने से राजद विधायकों की संख्या 79 से 78 हो गई है।

दरअसल बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिये जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआइ ने केस दर्ज किया था. जांच के दौरान सीबीआई  ने ये पाया कि अनिल सहनी ने दूसरे लोगों के साथ साजिश के तहत जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास बनवाया और उसके सहारे राज्यसभा को 23.71 लाख रुपये का चूना लगाया. अनिल कुमार सहनी ने फर्जी टिकट के सहारे अपनी यात्रा दिखायी जबकि उन्होंने कोई यात्री ही नहीं की थी. अनिल सहनी के खिलाफ ये शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग से की गयी थी. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सीबीआई को इस मामले की जांच सौंप दी थी. उसके बाद सीबीआई ने सरकार को धोखा देने और जाली हवाई टिकट और बोर्डिंग पास के आधार पर राज्यसभा सचिवालय से पैसा लेने के आरोप में सहनी और दूसरे लोगों के खिलाफ 2013 में मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान CBI ने  पाया कि अनिल सहनी ने एयर इंडिया के दो अधिकारियों के साथ मिलकर जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास बनवाया और उसे राज्यसभा में जमा कर 23.71 लाख रुपये ले लिये।

सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली स्थित एयर क्रूज ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी अनूप सिंह पंवार, एयर इंडिया के  तत्कालीन कार्यालय अधीक्षक (यातायात) एनएस नायर, और अरविंद तिवारी को भी अभियुक्त बनाया था. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम  और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया गया था. कोर्ट ने पिछले 29 अगस्त को ही अनिल सहनी, एऩएस नायर और अरविंद तिवारी को दोषी करार दिया था. इस मामले में आज उन्हें सजा सुना दी गयी.

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