राजद के पूर्व एमएलसी के बेटे अशफर अहमद DSP से बदसलूकी मामले में गिरफ्तार|

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राजद के पूर्व एमएलसी के बेटे अशफर अहमद DSP से बदसलूकी मामले में गिरफ्तार

पुलिस गुरुवार को गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने गयी तब चाय की दुकान पर बैठे चार लड़के पुलिस को देखते ही भागने लगे। पुलिस ने जब चारों को पकड़ा तब वहां पर मुवमेंट होने लगा। मौके पर पहुंचे वार्ड पार्षद मो. अशफर के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने लड़कों को छुड़वा लिया और एक पुलिसवाले के साथ मारपीट की।

राजद के पूर्व एमएलसी के बेटे ने थाने में घुसकर डीएसपी को गालियां दी। यहीं नहीं डीएसपी को धकेला और कॉलर भी पकड़ लिया। राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के बेटे अशफर अहमद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पटना में आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मामले को रखा। उन्होंने बताया कि नगर निकाय चुनाव से पूर्व जितने भी कुख्यात अपराधी हैं जो अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की विशेष छापेमारी इन दिनों चल रही है।

SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि 1997 में पीरबहोर इलाके में एक दंगा हुआ था जिसमें दो सहोदर भाई मो. चुल्लू खान और गुल्लू खान आरोपी था। जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। पुलिस को इस बात की सूचना मिली थी कि ये लोग पीरबहोर के दरियापुर इलाके में रह रहे हैं। सूचना मिलते ही एक विशेष टीम का गठन किया गया। जिसके बाद एक भाई मो. चुल्लू खान को 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया और उसे जेल भेजा गया।

पूछताछ के दौरान पता चला की वार्ड संख्या 40 के वार्ड पार्षद अशफर से लगातार संपर्क में मो. चुल्लू है। पुलिस ने जब उसके दूसरे भाई गुल्लू खान को गिरफ्तार करने पहुंची जो कि 25 वर्ष से फरार था। जब पुलिस गुरुवार को गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने गयी तब चाय की दुकान पर बैठे चार लड़के पुलिस को देखते ही भागने लगे। पुलिस ने जब चारों को पकड़ा तब वहां पर मुवमेंट होने लगा।

मौके पर पहुंचे वार्ड पार्षद मो. अशफर के नेतृत्व में स्थानीय लोगों ने लड़कों को छुड़वा लिया और एक पुलिसवाले के साथ मारपीट की। इसी संबंध में पीरबहोर थाने में केस दर्ज कराया गया। केस होने के बाद मो. सरफराज को पकड़कर पुलिस थाने लायी तो वार्ड पार्षद ने थाने पर हंगामा करना शुरू कर दिया। अपने कपड़े फाड़कर पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया।

अशफर की सारी करतूत थाने में लगे सीसीटीवी में कैद हो गयी है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस पर मारपीट का आरोप गलत है। ऐसी कोई बात नहीं है किसी भी स्वतंत्र एजेन्सी से इसकी जांच करायी जा सकती है। इस दौरान डीएसपी को भी धमकी दी गयी लेकिन पुलिस ने संयम से काम लिया।

सरफराज और अशफर को गिरफ्तार किया गया और दोनों को जेल भेज दिया गया है। इस प्रकरण में कुल 13 नामजद अभियुक्तों पर एफआईआर हुआ था। दो की गिरफ्तारी अब तक हो चुकी है जबकि 11 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

गौरतलब है कि पटना के अशोक राज पथ स्थित पीरबहोर थाने में शुक्रवार की देर रात घंटों हंगामा होता रहा। सत्ता के गुमान में थाने में घुस आये राजद के पूर्व एमएलसी अनवर अहमद के बेटे अशफर अहमद ने थाने में ही डीएसपी की वर्दी पर हाथ डाल दिया। पीरबहोर के थानेदार ने मीडिया के सामने कबूल किया कि अशफर अहमद ने जो किया वह बताने लायक नहीं है. लेकिन नौकरी के लिए प्रदर्शन करने वाले निहत्थे युवकों को बर्बरता से पीटने वाली पटना पुलिस राजद नेता के दबंग बेटे के सामने गिड़गिड़ाती रही।

खुद पीरबहोर थाने के थानेदार ने मीडिया के सामने कबूल किया कि जब वह कानून को रौंद रहा था तो पुलिस उसे समझा रही थी. पुलिस ने उसे काफी देर तक समझाया लेकिन वह नहीं माना। अशफर अहमद पटना के वार्ड नंबर 40 का पूर्व वार्ड पार्षद भी है। जिसे अब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है उसके साथ-साथ सरफराज को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों को जेल भेजा गया है। जबकि बाकि बचे 11 लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

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