बिहार में बिगड़ती कानून वयवस्ता पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री ने पुलिस बल की संख्या बढ़ाने और पुलिस भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम आवास पर करीब छह घंटे बैठक हुई। बैठक में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी एसके सिंघल समेत पुलिस के कई आलाधिकारी मौजूद रहे। समीक्षा बैठक में हाल के दिनों में सामने आए बड़े आपराधिक मामलों पर चर्चा की गयी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कानून व्यवस्था की समीक्षा की। अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की कोताही ना हो इसे लेकर पुलिस को सख्त निर्देश भी दिये। अधिकारियों से उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था का संधारण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हर हाल में सामाजिक सद्भाव कायम रखा जाए। साथ ही पुलिस बल की संख्या बढ़ाने तथा भर्ती प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया। प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाने और आधुनिक तरीकों से प्रशिक्षण देने का भी निर्देश दिया।
बता दें कि राज्य में लगातार बढ़ रहे आपराधिक घटनाओं को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष यह सवाल उठा रहा है कि बिहार में जंगलराज की वापसी हो गई है। दरअसल, बिहार में इन दिनों लगातार बढ़ रहे आपराधिक वारदातों को लेकर सरकार की भारी फजीहत हो रही है। राजधानी पटना समेत राज्य के तमाम जिलों में अपराध की घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर बना हुआ है। हाल के दिनों में हत्या और लूट समेत अपराध की अन्य घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि देखी जा रही है।
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शनिवार को लॉ एंड आर्डर की समीक्षा मुख्यमंत्री ने की। एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में लॉ एंड ऑर्डर के ताजा हालत की जानकारी ली और डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए।