बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि जो उन्हें नोटिस दी गई है वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ है। इस्तीफे से इनकार करने के बाद सिन्हा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के जरिए इस्तीफा देने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि सदन की बात सदन में करेंगे।
बिहार विधानसभा स्पीकर विजय सिन्हा ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने साफ तौर पर कह दिया कि उन्हें नोटिस दिया गया वह नियमों और प्रावधान के खिलाफ था।
स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ व्यवस्था नहीं है। विगत दिनों सत्ता को बचाए रखने के लिए जो कुछ भी हुआ उस पर इस समय कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। लेकिन इस क्रम में विधायिका की प्रतिष्ठा पर जो प्रश्न खड़े किये गये है उस पर चुप रह जाना भी मेरे लिए अनुचित होगा। अध्यक्ष संसदीय नियमों तथा परंपराओं का संरक्षक है यह केवल पद नहीं है बल्कि एक न्यास का अंगरक्षक भी है।
विजय सिन्हा ने कहा कि इसलिए इस दायित्व के साथ जब तक बंधे हैं तब तक अपने व्यक्तिगत सम्मान से ऊपर लोकतंत्र की गरिमा को सुरक्षित रखना मेरा कर्तव्य हैं। इसलिए जब विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया तब मैंने अपने ऊपर विश्वास की कमी के रूप में नहीं देखा। अविश्वास का प्रस्ताव का जो नोटिस सभा सचिवालय को दिया गया उसमे नियमों और प्रावधानों की अनदेखी की गयी है। इसलिए इस नोटिस को अस्वीकृत करना मेरा स्वाभाविक जिम्मेवारी है।
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने साफ तौर पर कह दिया है कि वे पद से इस्तीफा नहीं देंगे। प्रेस सलाहकार की बैठक में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाया गया लेकिन मैंने खुद पर विश्वास रखा। अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस सचिवालय को दिया गया जिसमें नियमों की अनदेखी की गई है। आसन से बंधे होने के कारण से नोटिस में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और निराधार आरोप लगाए गए हैं जो व्यक्तिगत स्तर के हैं।