फांसी नहीं बल्कि इंजेक्शन, करंट, गैंस चेंबर से दीजिए सजा ए मौत; SC से बोला केंद्र- जल्द कमेटी बनाएंगे

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जा ए मौत…ये शब्द सुनते ही रूह कांप जाती है. दुनिया के 50 से भी ज्यादा देश दुर्दांत अपराधी से जीने का हक छीन लेते हैं. उनको सजा के पूर में मौत दी जाती है. भारत में भी इसका प्रावधान है.

साल 2017 में एडवोकेट ऋषि मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की. इसमें मांग की गई कि फांसी से मौत की सजा देना बहुत दर्दनाक होता है. इसमें तड़प-तड़प कर मौत होती है. इसकी बजाय मौत की सजा देने के लिए कोई और तरीका सोचना चाहिए.

आज सुप्रीम कोर्ट में याचिका पर सुनवाई हुई. केंद्र सरकार ने कहा कि कि वो मौत की सजा पाने वाले दोषियों को फांसी के अलावा और भी तरीकों पर विचार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित करने पर विचार कर रही है. एडवोकेट ऋषि मल्होत्रा ने सरकार को अपनी याचिका पर कई तरीकों पर भी सुझाव दिया है. उन्होंने कहा है कि कम दर्दनाक तरीके जैसे इंजेक्शन लगाने, गोली मारने, करंट लगाने या गैस चैंबर का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया.

सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पादरीवाला की पीठ ने याचिका पर सुनवाई की. केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी पेश हुए थे. उन्होंने बताया कि सरकार इस पर एक कमेटी गठित करने का विचार कर रही है. एजी ने बताया कि कमेटी में किन नामों को शामिल किया जाएगा इस पर अभी विचार किया जा रहा है. कुछ समय बाद ही वो जवाब दे पाएंगे. सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने भी इसमें सहमति जताते हुए कहा कि समिति गठित होने की प्रक्रिया पर विचार हो रहा है. अब गर्मी की छुट्टी के बाद सुनवाई की तारीख तय की जाएगी.

किन देशों में कैसे दी जाती है मौत की सजा

दुनिया के 58 देशों में सजा ए मौत के लिए फांसी दी जाती है. जबकि 73 देशों में गोली मारकर मौत की सजा दी जाती है. भारत सहित 33 देशों में सिर्फ एक ही तरह से मौत की सजा दी जाती है और वो है फांसी. दुनिया के छह देशों में पत्थर मारकर मौत की सजा दी जाती है. ये तो और भी भयानक है. पांच देशों में इंजेक्शन देकर मौत दी जाती है. तीन देशों में तो सिल कलम कर दिया जाता है. दुनिया के लगभग 97 देश फांसी की सजा को समाप्त कर चुके हैं.

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