आरा में फ्लॉप हुआ तेजस्वी यादव का प्रयास, जानें, दल बदल कर भी कैसे जीत गए ‘सेठ

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आरा. बिहार विधान परिषद के 24 सीटों के लिए हुए चुनाव में एनडीए को भारी जीत मिलती दिख रही है. एनडीए के प्रत्याशियों ने बिहार में आरा-बक्सर, कैमूर-रोहतास सहित कई सीटों पर अपनी जीत दर्ज की है.

जिन सीटों पर एनडीए की जीत को लेकर सबसे अधिक चर्चा हो रही है उसने एक सीट आरा-बक्सर भी है. स्थानीय प्राधिकार कोटे से आरा-बक्सर में हुए एमएलसी चुनाव में जेडीयू के राधाचरण सेठ ने दोबारा जीत हासिल की है. राधाचरण सेठ ने अपने प्रतिद्वंदी राजद के अनिल सम्राट को 1000 से भी अधिक वोटों से चुनाव हराया है. NDA प्रत्याशी राधा चरण साह को 3349 वोट मिले तो वहीं महागठबंधन प्रत्याशी अनिल सम्राट को 2306 वोट मिले.

जेडीयू की इस जीत के साथ ही एक बार फिर से भोजपुर और बक्सर में सेठ जी यानी राधा चरण साह का डंका बजता दिख रहा है. दरअसल राधाचरण साह जो कि पूरे इलाके में ‘सेठ जी’ के नाम से जाने जाते हैं ने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही राजद का साथ छोड़ा था और जेडीयू में शामिल हुए थे. एमएलसी चुनाव का टर्म पूरा होने के बाद जेडीयू ने उन पर भरोसा जताया. यही कारण है

कि दोबारा इस सीट से वो चुनावी मैदान में थे. हालांकि तेजस्वी यादव ने इस सीट को राजद के कब्जे में ही करने के लिए भरपूर प्रयास किया और अनिल सम्राट को चुनावी मैदान में उतारा लेकिन उनका प्रयास काम नहीं आया. खास बात ये है कि पंचायत चुनाव के नतीजों में भी राजद ने भोजपुर जिले में अपनी धाक जमाई थी लेकिन सेठ जी अपनी पुरानी पार्टी यानी राजद के जन प्रतिनिधियों को भी एमएलसी चुनाव में अपने पाले में करने में काफी हद तक सफल हो गए.

तेजस्वी यादव ने अनिल सम्राट के नॉमिनेशन में जो कि आरा में हुआ था भाग लिया था इसके अलावा आरा के जोगटा और बक्सर के आशा पड़री में उन्होंने चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अनिल सम्राट के लिए वोट मांगा था

लेकिन अंततः जीत सेठ जी यानी की राधाचरण साह के पाले में गई. सेठ ने सम्राट को 1000 से भी अधिक वोटों से चुनाव हराकर ना केवल अपने वर्चस्व का परिचय दिया बल्कि नई पार्टी यानी जेडीयू का विश्वास भी जीता है. राधाचरण सेठ की जीत इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इसके साथ ही शाहाबाद में जेडीयू मजबूत होती दिख रही है.

तेजस्वी यादव के तीन-तीन बार चुनाव प्रचार में आने के कारण अनिल सम्राट को अपनी जीत का भरोसा था लेकिन अनिल सम्राट इसे वोट में नहीं बदल सके और उनको करारी शिकस्त मिली है. मूल रूप से मुंबई समेत अन्य महानगरों में रहने वाले और व्यवसाय समेत फिल्म निर्देशन से जुड़े अनिल सम्राट को जब राजद ने इस सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया था तो उसी समय से हार और जीत को लेकर कयास लगने शुरू हो गए थे. पार्टी के अंदरखाने में भी इस बात को लेकर विरोध हुआ था कि राजद किसे टिकट दे रहा है लेकिन अनिल सम्राट को तेजस्वी यादव का आशीर्वाद प्राप्त था और इस कारण उन्हीं को टिकट मिला लेकिन राजद इस सीट से जीत हासिल नहीं कर सका.

राजद से उम्मीदवार के नाम का ऐलान होने के साथ ही राजनीति की समझ रखने वाला हर एक आदमी कह रहा था इस बार भोजपुर में एमएलसी का चुनाव एकतरफा है और आज आए नतीजों ने भी इसने इस बात को साफ कर दिया है. राधाचरण सेठ की दोबारा जीत के साथ ही अब उनके मंत्री बनने की भी मांग उठने लगी है. इस जीत के बाद जब राधारण सेठ से बात की गई तो उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार के साथ-साथ विकास की जीत बताया.

 

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