शनिवार का दिन भगवान् शनिदेव का माना जाता है। इस दिन इनकी पूजा करी जाती है। धर्म ग्रंथों में शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से ही फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वाले को शुभ फल वहीँ बुरे कर्म करने वालों को दंड देते हैं। यदि आप भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या से परेशान है तो शनिवार के दिन कुछ उपाय करने से आपको लाभ मिलेगा।
शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन शनिदेव के मंदिर में जाएं और काले तिल डालकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं। फिर शनि चालीसा और शनि आरती का पाठ करें। इसके अलावा ‘ऊँ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करना भी काफी लाभदायक होता है।
शनिवार के दिन दान करने से भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस दिन काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, काली उड़द की दाल और लोहे के बर्तन दान करने चाहिए। लेकिन ध्यान रखें दान के लिए ये सामान एक दिन पहले ही खरीदें।
शनिवार के दिन पीपल में जल अर्पित करने से शनिदेव के प्रकोप को कम करने में मदद मिलती है। पीपल में जल अर्पित करने के बाद 7 परिक्रमा लगाएं और शाम को पीपल की जड़ में सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
शनिवार के दिन शनिदेव के साथ हनुमान जी का भी पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शनिदेव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि वो उनके भक्तों को कभी नहीं सताएंगे. इसलिए शनिवार के दिन विधि-विधान से हनुमान जी पूजा अवश्य करें।