उत्तर प्रदेश : विकास के मुद्दों पर फेल विधायक जी की पत्रकारों से गुंडई

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विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आते ही चुनावी हलचल तेज हो चुकी है इसी के साथ ही फरवरी महीने में भी गर्मी देखने को मिल रही है जी हां हम आपको बता रहे हैं मामला सीसामऊ विधानसभा का जहां से वर्तमान समय के विधायक हाजी इरफान सोलंकी के सर पर विधायकी का भूत इस कदर सर चढ़ कर बोल रहा है के इन्हे कुछ नजर ही नहीं आ रहा एक तरफ जहां अखिलेश यादव पत्रकारों के हित में होने की बात कहते हैं तो वही उनके विधायक इरफान सोलंकी पत्रकारों से अभद्रता करते हुए नजर उनको कैमरा बंद करने की धमकी देते हुए नजर आते हैं।

कैमरा बंद करवाते हुए विधायक इरफान सोलंकी

मामला था सीसामऊ विधान सभा में चल रहें उनके कार्यक्रम और जनसभा का जहां हमने उनसे सीसामऊ के वर्तमान मुद्दों पर उनसे बात करनी चाही। जब उनका काफिला बड़े मैदान से गुज़रा तो हमने उनसे बात की देखिए किस तरह से हमारे सवाल पर वो भागते नजर आए।

सवाल करने पर भागते हुए विधायक इरफान सोलंकी

इसके बाद हम उनके अगले कार्यक्रम में गडरिया मैदान पहुंचे जहां विधायक जी का कार्यक्रम था हमने विधायक जी से बात करने की कोशिश की पहले तो विधायक जी के समर्थकों ने या फिर यूं कह लीजिए की उनके गुंडों ने उन तक पहुंचने से रोक दिया। पत्रकारों के सवाल जनहित में ही होते हैं सीसामऊ विधानसभा के मुद्दों पर जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने बात करने से ही मना कर दिया। देखिए यह रिपोर्ट

हम बाइट नहीं देंगे कहते हुए विधायक इरफान सोलंकी

तो जैसा के आप सब ने देखा के विधायक जी जवाब उन्हे ही देंगे जो उनकी चापलूसी करें। अगर कोई पत्रकार सीसामऊ विधानसभा के मुद्दों पर उनसे बात करे तो उस पत्रकार को वो जवाब ही नहीं देंगे?
अब हम आपको यह दिखाएंगे के विधायक जी ने अपने 15 साल के कार्यकाल में जनता को क्या दिया शिक्षा और चिकित्सा मामले में फेल इरफान सोलंकी अगर जनता के बीच है तो सिर्फ कौम के मसीहा के तौर पर ऐसा मसीहा जिनकी विधानसभा के कई क्षेत्र दशकों से ब्लैकलिस्टेड हैं उन्हें अति संवेदनशील घोषित कर दिया गया है। परंतु अपने कार्यकाल में और अपनी सरकार रहते भी उन्होंने अपनी कौम के लिए ये मुद्दा विधानसभा में आज तक नहीं उठाया आपको बता दें कि अति संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण यहां के लोगों को किसी भी बड़े बैंक में लोन नहीं दिया जाता। यही हाल बड़े स्कूलों का भी वहां भी इस क्षेत्र के बच्चों को एडमिशन नहीं दिया जाता क्योंकि उनका एरिया ब्लैक लिस्टेड है। एडमिशन सिर्फ उन्हें ही मिलते हैं जो प्रभावशाली हों। जो की हर व्यक्ति नहीं है। विधायक जी के समर्थक और खुद विधायक भी यह बात कहते हैं के उनकी कौम के लोग जब एनआरसी के प्रदर्शन में गोली लगने से शहीद हुए तो उन लोगों के परिवार को अखिलेश यादव ने 5-5 लाख रुपए दिए, जबकि अभी हाल ही में प्रॉपर्टी डीलर और एक बड़े कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत होने पर उनके परिजन को 20 लाख रुपए दिए। यह कैसा इंसाफ है अखिलेश जी आपका जो गरीब परिवार के मजदूरी करने वाले एनआरसी के प्रदर्शन के दौरान शहीद हुएं उन्हें सिर्फ 5 लाख और जो प्रॉपर्टी डीलर थे उनके परिजन को 20 लाख। यह कहीं न कहीं अखिलेश यादव की का दोहरा चरित्र नजर आया।

 

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