बिहार के सीएम नीतीश कुमार आज बीजेपी से अलग हो सकते हैं, ऐसी अटकलें हैं. कांग्रेस और राजद ने संकेत दिया है कि अगर वह भाजपा को छोड़ देते हैं तो वे महागठबंधन 2.0 के लिए तैयार हैं. साथ ही सीपीआई एमएल और जीतन राम मांझी की हम ने बिना शर्त समर्थन की बात कह दी है. अब देखना ये होगा कि नीतीश कुमार इस पर क्या फैसला लेते हैं, हालांकि सूत्रों की मानें तो मामला सुलझाने के लिए खुद अमित शाह ने नीतीश कुमार से बातचीत की थी.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Assembly Election 2020) में 243 सीटों में से नीतीश की पार्टी JDU ने 45 सीटों पर जीत हासिल की थी. जबकि BJP ने 77 सीटों पर विजय हासिल की थी. JDU के कम सीटें जीतने के बावजूद BJP ने नीतीश को मुख्यमंत्री बनाया गया था और प्रदेश की कमान उनको सौंपी थी. आरजेडी को 79 सीटें मिली थीं. कांग्रेस ने पहले ही जदयू को समर्थन देने की घोषणा कर दी है, अगर जेडीयू बीजेपी गठबंधन से बाहर निकलती है तो उसके पास 19 विधायक हैं. वहीं सीपीआईएमएल के पास 12 और हम के पास 4 विधायक हैं. उन्होंने भी बिना शर्त समर्थन की बात कह दी है. बहुमत का आंकड़ा 122 है.
गौरतलब है कि राजनीतिक संकट के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को कहा कि वह नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड , जद(यू) को ‘‘ गले लगाने” को तैयार है, बशर्ते वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़ दे. वहीं जदयू नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि गठबंधन में सब कुछ ठीक है. कुशवाहा ने कहा, ‘हां बिल्कुल… एनडीए गठबंधन में सबकुछ ठीक है..आज हम कोई दावा नहीं कर रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यताएं हैं.’