महासमुंद। सुकुलबाय के आदिवासी किसानों ने पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा से मुलाकात की। इन ग्रामीणों ने बताया कि वे वर्ष 2005 से पहले जमीन पर काबिज हंै, लेकिन आज तक उन्हे वन भूमि का पट्टा नहीं मिला है। हमने पटवारी और प्रशासन के आला अफसरों को इसकी सूचना दी है कि हम बाप-दादा के जमाने से वहां काबिज हैं, लेकिन पट्टा अभी तक नहीं दिया जा रहा है। जिस पर डॉ. चोपड़ा ने आश्वासन देते हुए कहा कि वे ग्राम सभा कर पटवारी से अपना पुराना रिकार्ड ले आएं। पट्टा दिलाने के लिए संघर्ष किया जाएगा। महासमुंद क्षेत्र के अनेक लोगों को अभी तक वन भूमि का पट्टा नहीं मिला है जो वास्तव में हकदार हैं। उनकी तरफ प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। सिरपुर का कमार डेरा, तुमगांव का सांवरा डेरा, बिरबिरा आदि स्थानों पर आज तक पट्टा नहीं मिल पाया है। जिसके लिए अनेक बार शासन व प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया गया। लेकिन गैर संवेदनशील प्रशासन नजरअंदाज करता रहा। मनीराम आदिवासी सागौन प्लांटेशन के प्रणेता रहे, जिसने सबसे ज्यादा सागौन का प्लांटेशन किया था। उन्हे सरकार ने पुरस्कृत भी किया है। आज उनके नाम से छत्तीसगढ़ सरकार पुरस्कार भी देती है। लेकिन उन लोगों को सरकार से वर्षों पूर्व दी गई जमीन का पट्टा आज तक नहीं दिया गया। जबकि वे 20-25 साल से इस जमीन पर काबिज हैं। डॉ. चोपड़ा ने कहा कि इस मामले में तत्काल ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन किया जाएगा। सुकुलबाय से भुनेश्वर बरिहा, दुकालू बरिहा, श्यामलाल बरिहा, भांवर बरिहा, परस बरिहा, दुलास विश्वकर्मा, रमेश यादव, तानो बरिहा, उगेश यादव, डेरहू बरिहा, धनीराम बरिहा, बलराम साहू ने मुलाकात की।