लखनऊ । कोरोना संकट के इस दौर में जब समाज का हर वर्ग सरकारी प्रयासों का समर्थन और सहयोग कर रहा है। यहां स्वयं मुख्यमंत्री, उनकी टीम इलेवन तथा प्रशासन के आला अफसरों के नियंत्रण में न तो स्वास्थ्य सेवाएं रह गई हैं और नहीं कानून व्यवस्था । जनता बेचारी पिस रही है। ये बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कही।
उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन में भी जंगलराज कम नहीं हुआ। हत्या, बलात्कार, लूट की घटनाओं में कमी नहीं हो रही है। जनपद कन्नौज के गुरूसहायगंज थाना में एक बच्ची के साथ बलात्कार ने सभी मर्यादाओं की धज्जियां उड़ गयी। हर रोज इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही है।
उन्होंने कहा कि आगरा मण्डल में स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाई दी। उपचार और जांच रिपोर्ट में देरी से कोरोना पाॅजिटिव महिला सिपाही को समय से उपचार नहीं मिला। बेटी का जन्म हुआ पर मां की मौत से परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा। कार में ही छह घंटे तक शव पड़ा रहा।
अखिलेश ने कहा कि कानून व्यवस्था का यह हाल है कि चित्रकूट में भाजपा सांसद के पेट्रोल पम्प पर 50 हजार रुपये की लूट हो गई। स्वयं मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में प्रशासन की मिली भगत से सत्ता संरक्षित दबंगों ने अनुसूचित जाति के भूमिहीन लोगों की फसल को उजाड़ दिया। प्रशासन का अत्याचार यही नहीं थमा उन्हें फर्जी मुकदमों में भी फंसा दिया। भाजपा राज में गरीबों, पिछड़ों और दलितों की कहीं सुनवाई नहीं है।
उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि समाजवादी पार्टी सरकार की जनहित की योजनाओं को निष्प्रभावी बना देने की वजह से ही भाजपा राज में जनता परेशानी उठा रही है। समाजवादी एम्बूलेंस सेवा 108 की उपेक्षा समाजवादी नाम जुड़े होने से ही की गई। अपराध नियंत्रण के लिए यूपी डॉयल 100 सेवा का विस्तार रोक दिया गया। इसको 100 की जगह 112 कर दिया गया। स्वास्थ्य सेवाओं को सुनियोजित तरीके से सुसंगठित और आधुनिकतम बनाया जा रहा था। भाजपा ने अपनी साम्प्रदायिक राजनीति से इसे भी बर्बाद कर दिया। गम्भीर बीमारियों दिल, लीवर, किडनी, कैंसर के मुफ्त इलाज की व्यवस्था समाजवादी सरकार ने शुरू की थी, भाजपा राज में चिकित्सा सेवा संस्थानों में भी व्यापार होने लगा है।