घना कोहरा और खराब हवा ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी को किया प्रभावित
दिल्ली में सर्दी की दस्तक के साथ ही एक बार फिर हवा की सेहत बिगड़ने लगी है। राजधानी में ठंड बढ़ते ही वायु गुणवत्ता गंभीर होती जा रही है और इसका सीधा असर आम लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर साफ दिखाई दे रहा है। सर्द मौसम और बढ़ते प्रदूषण ने मिलकर दिल्लीवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
सुबह के समय घना कोहरा और धुंध छाई रहती है, जिससे सड़कों पर दृश्यता कम हो जाती है। ट्रैफिक धीमा पड़ जाता है और दफ्तर, स्कूल और कॉलेज जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई इलाकों में लोग मास्क पहनकर घर से निकलने को मजबूर हैं, जबकि बुजुर्गों और बच्चों को बाहर जाने से रोका जा रहा है।
प्रदूषित हवा का सबसे गंभीर असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। खांसी, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले की खराश आम शिकायत बन चुकी है। सांस से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह मौसम और भी खतरनाक साबित हो रहा है। अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती देखी जा रही है।
ठंड से बचाव के लिए कई जगह अलाव जलाए जा रहे हैं, जिससे हवा और अधिक प्रदूषित हो रही है। खुले में रहने वाले लोगों के लिए यह मौसम दोहरी मार बन गया है — ठंड भी और ज़हरीली हवा भी।
दिल्ली की यह स्थिति साफ संकेत देती है कि सर्दी अब सिर्फ मौसम नहीं रही, बल्कि एक स्वास्थ्य संकट बन चुकी है। जब तक प्रदूषण पर प्रभावी और स्थायी कदम नहीं उठाए जाते, तब तक दिल्लीवासियों के लिए सर्दियां राहत नहीं, बल्कि संघर्ष बनकर आती रहेंगी।
@MUSKAN KUMARI





