बिहार में क्राइम केस बढ़ता जा रहा हैं अब जिम्मेदारी लेने वाले ही अपने जिम्मेदारियों में असफल हो रहे हैं बड़ी खबर नालंदा से आ रही है, जहां जेडीयू नेता गणेश हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। एससी-एसटी कोर्ट ने इस मामले में तत्कालीन थानेदार और और एक दारोगा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने दो धाराओं में 85 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी दोषियों पर लगाया है। जुमाना की राशि जमा नहीं करने पर दोषियों को 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी
दरअसल, 10 जुलाई 2019 को पुलिस ने एक लड़की के अपहरण के मामले में नगरनौसा थाना क्षेत्र के सैदपुरा गांव निवासी जेडीयू के तत्कालीन महादलित प्रकोष्ठ के प्रखंड अध्यक्ष गणेश रविदास को गिरफ्तार किया था। 11 जुलाई को थाने की हाजत से गणेश रविदास का शव संदिग्ध हालत में बरामद हुआ था। मृतक के शरीर पर चोट के गहरे जख्म पाये गये थे। पुलिस ने उस वक्त दावा किया था कि गणेश रविदास ने हाजत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
मृतक के परिजनों ने पुलिस पर गणेश रविदास की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल मचाया था। 12 जुलाई को इस मामले को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच मकर झड़प हुई थी। जिसके बाद नगरनौसा थाना के थानेदार, जमादार और चौकीदार को गिरफ्तार किया गया था और 10 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।
लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने नगरनौसा थाने के तत्कालीन थानेदार कमलेश कुमार और दारोगा बलिंदर राम को दोषी करार दिया। गुरुवार को एडीजे तीन सह एससी-एसटी कोर्ट की स्पेशल जज प्रतिभा ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जबकि साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने अन्य अभियुक्तों को रिहा कर दिया।