बिहार में नई सरकार के गठन के बाद राजनीतिक हलचल तेज़ है। इसी बीच लालू यादव परिवार को 10, सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास खाली करने का नोटिस जारी होने पर राज्य की राजनीति गरमा गई है। भवन निर्माण विभाग ने आधिकारिक पत्र के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को परिषद आवास आवंटित किए जाने की सूचना दी, जिसके बाद राजद नेताओं में खुलकर नाराज़गी दिखी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगनीलाल मंडल ने स्पष्ट कहा कि “किसी भी हाल में राबड़ी आवास खाली नहीं किया जाएगा,” और इसे लालू परिवार को अपमानित करने की साज़िश बताई।
नीतीश कुमार के 20 वर्षों के कार्यकाल में पहली बार ऐसा कदम उठाए जाने पर राजद नेताओं ने सवाल उठाए, जबकि भाजपा नेता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए तंज कसा कि राबड़ी देवी “सरकारी संपत्ति को सुरक्षित रखते हुए” घर खाली करें। तेजप्रताप यादव ने सोशल मीडिया पर भाई नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए लिखा कि शपथ के तुरंत बाद पुराने राजनीतिक रिश्तों को दरकिनार कर बड़े भाई का आवास खाली कराने का आदेश दे दिया गया। उनका कहना है कि यह फैसला न केवल एक भावनात्मक प्रतीक का अंत है, बल्कि नीतीश–लालू के वर्षों पुराने “भाई–भाई” राजनीतिक संबंध का भी समापन है।

लालू परिवार के अंदर भी तनाव दिखा। हाल ही में किडनी दान करने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने भी भावुक होकर राबड़ी आवास छोड़ दिया और तेजस्वी यादव के करीबियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया। इससे पहले भी 2005 में सत्ता परिवर्तन के बाद राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री आवास खाली करने का नोटिस दिया गया था, जिसके बाद उन्हें वर्तमान 10, सर्कुलर रोड का आवास आवंटित किया गया था।
@Tanya Singh
Author: BiharlocalDesk
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