सीमांचल से पटना तक सियासी हलचल: क्यों बढ़ा AIMIM–JDU नज़दीकियों का शोर?

पटना। बिहार की सियासत में नई हलचल उस समय दिखी जब 8 दिसंबर को AIMIM के तीन विधायक—अख्तरुल ईमान, मो. मुश्ताक आलम और सरवर आलम—मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिले। मुलाकात को सीमांचल में प्रस्तावित आर्मी बेस और नदी कटाव जैसे स्थानीय मुद्दों से जोड़कर बताया गया, लेकिन बयानबाज़ी ने राजनीतिक अटकलें तेज कर दीं।

जोकीहाट विधायक मो. मुश्ताक आलम ने मुलाकात के बाद कहा, “मैं दूसरी पार्टी में हूं, लेकिन नीतीश कुमार के एहसान नहीं भूल सकता। उन्होंने ही मुझे राजनीति में लाया था।” उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में संभावित ‘नए खेला’ की चर्चा बढ़ा दी। हालांकि AIMIM प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने स्पष्ट किया कि मुलाकात का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।

क्या AIMIM विधायक पार्टी छोड़ सकते हैं?

सियासी विश्लेषकों की मानें तो इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। सीमांचल के पत्रकारों का कहना है कि सरकार से सीधा तालमेल होने पर क्षेत्रीय कामकाज आसान होता है। AIMIM के कई विधायक नए चेहरों में आते हैं, इसलिए टूट की आशंका भी बनी रहती है। यह स्थिति 2022 की याद दिलाती है, जब AIMIM के पाँच में से चार विधायक RJD में शामिल हो गए थे।

क्या JDU AIMIM विधायकों को शामिल कर सकती है?

विश्लेषकों के अनुसार इसके 50–50 चांस हैं। राजनीतिक टिप्पणीकारों का कहना है कि JDU को तत्काल AIMIM विधायकों की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर नीतीश कुमार विधानसभा में नंबर-1 पार्टी बनने का लक्ष्य रखते हैं तो पाँच विधायकों का समर्थन उन्हें निर्णायक स्थिति दे सकता है। अभी भाजपा 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि JDU के पास 85 विधायक हैं।

नंबर-1 पार्टी बनने से नीतीश को क्या फायदा?

राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार इसके दो बड़े लाभ होंगे—
1. मुख्यमंत्री की कुर्सी पर संवैधानिक मजबूती:
तोड़फोड़ या राजनीतिक संकट की स्थिति में राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी को सरकार गठन का पहला मौका देते हैं। JDU यदि 90 के आसपास पहुंचती है तो नीतीश की स्थिति कहीं ज्यादा मजबूत हो जाएगी।

2. भाजपा के दबाव में कमी:
वर्तमान में JDU सरकार में भाजपा सबसे बड़ी सहयोगी पार्टी है, जिससे नीतीश पर दबाव बढ़ा हुआ माना जा रहा है। नंबर-1 पार्टी बनते ही यह मनोवैज्ञानिक और राजनीतिक दबाव कम होगा।

फिलहाल मुलाकात को लेकर बयान चाहे सधे हुए हों, लेकिन सीमांचल से उठी यह हलचल बिहार की सियासत में बड़े बदलाव की संभावनाओं को हवा दे रही है।

@Tanya Singh

BiharlocalDesk
Author: BiharlocalDesk

ASAIN TIMES NEWS NETWORK

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