बिहिया (बिहार)। लगभग 11 महीने पुराने फायरिंग मामले में पुलिस ने शनिवार को अहम कदम उठाते हुए नगर पंचायत बिहिया के मुख्य पार्षद सचिन कुमार गुप्ता के घर पर कोर्ट द्वारा जारी इश्तेहार चस्पा किया। पुलिस का कहना है कि कई बार अदालत की नोटिस भेजी गईं, लेकिन उनकी अनुपस्थिति के कारण यह कार्रवाई करनी पड़ी। अब अगला चरण कुर्की–जब्ती की दिशा में बढ़ सकता है।
घटना की जानकारी मिलते ही हमारी टीम मौके पर पहुँची और सबसे पहले मुख्य पार्षद की माता से बात की। उन्होंने बताया कि—
“पूरा मामला छठ घाट पर DSP के साथ हुई एक बहस से शुरू हुआ था। उसी दिन से अधिकारियों ने हमारे बेटे को निशाने पर ले लिया। अब उसे झूठे मुकदमे में फँसाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।”

स्थानीय लोगों से बातचीत में भी इसी तरह का समर्थन दिखाई दिया। उन्हें कहना था कि—
“सचिन गुप्ता हमेशा लोगों के बीच रहकर मदद करने वाले शख्स हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता देख कुछ लोग उन्हें फँसा रहे हैं।”


कई लोगों की यह भी मांग थी कि सरकार और प्रशासन इस मामले में तुरंत उचित कार्रवाई करे और सचिन गुप्ता को जल्द से जल्द बेल मिले ताकि क्षेत्र में रुके हुए कार्य दोबारा शुरू हो सकें।

मुख्य पार्षद के न होने से बिहिया की प्रगति पूरी तरह रुक गई है। सड़कों की सफाई से लेकर सार्वजनिक सुविधाओं तक हर व्यवस्था ठप पड़ी है। जगह–जगह गंदगी फैल चुकी है और नगर पंचायत की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।”
कुछ लोगों ने तो यहाँ तक कहा कि—
“हमने उन्हें इसलिए चुना था कि वे हमारी समस्याओं को हल करेंगे और क्षेत्र में शांति और विकास लाएंगे। लेकिन इतने लंबे समय से कार्यभार न संभालने के कारण जनता परेशान है और पूरा प्रशासनिक तंत्र अस्त-व्यस्त हो गया है।”



इसके बाद टीम ने उस शिकायतकर्ता राजाबाबू से मुलाकात की, जिन्होंने इस मामले में FIR दर्ज कराई थी। उन्होंने भी स्वीकार किया कि—
“विवाद महज़ गलतफहमी से शुरू हुआ था। बाद में हम दोनों पक्षों में समझौता भी हो गया। जब कोर्ट में कम्प्रॉमाइज़ जमा है, तो पुलिस की लगातार कार्रवाई समझ से बाहर है।”

थाने से आधिकारिक प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई, लेकिन बताया गया कि थाना प्रभारी विमलेश कुमार सिंह पाँच दिनों की छुट्टी पर हैं।
दूसरी ओर, मुख्य पार्षद सचिन कुमार गुप्ता ने Asian Times से बात करते हुए और अपने फेसबुक लाइव में खुद को पूरी तरह निर्दोष बताया। उन्होंने कहा कि—
“जिस मामले में इश्तेहार चिपकाया गया, उसमें कम्प्रॉमाइज़ की कॉपी पहले ही कोर्ट में दे चुका हूँ। इसके बावजूद पुलिस तथ्यों की जांच किए बिना एकतरफ़ा कार्रवाई कर रही है। कुछ मीडिया चैनल मुझे फरार बताकर भ्रामक खबर फैला रहे हैं।”

उन्होंने जनता से भी अपील की कि—
“किसी भी तरह की अफवाहों पर भरोसा न करें, जल्द ही सच सामने आएगा।”
पुलिस का दावा है कि पार्षद जनवरी से लगातार नोटिसों का जवाब नहीं दे रहे। यदि वे अदालत में पेश होकर संबंधित दस्तावेज़ जमा करते हैं, तो केस की समीक्षा संभव है; अन्यथा कुर्की–जब्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
अब पूरा मामला अगली सुनवाई पर टिका हुआ है, जहाँ अदालत यह तय करेगी कि इश्तेहार जारी होने के बाद मुख्य पार्षद की कानूनी स्थिति क्या होगी। स्थानीय और राजनीतिक हलकों में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।
@Tanya Singh
Author: BiharlocalDesk
ASAIN TIMES NEWS NETWORK







