पटना :
पहले चरण की वोटिंग के बीच तीन सीटें सबसे ज्यादा सुर्खियों में हैं — पटना साहिब, हसनपुर और राघोपुर। इन सीटों पर नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इन्हीं पर गड़ी है।
पटना साहिब — यहां पर शहरी वोटर, व्यापारिक वर्ग और युवा मतदाता निर्णायक हैं। पिछले चुनाव में यहां NDA ने मजबूत पकड़ दिखाई थी। इस बार महागठबंधन वोट शेयर में सेंध लगाने की कोशिश में है। विशेषज्ञों के अनुसार इस सीट पर जीत की कुंजी “युवा वोट” है।
हसनपुर — यह सीट JDU और RJD दोनों के लिए बेहद संवेदनशील मानी जा रही है। यहां मुकाबला लगभग बराबरी का माना जा रहा है। जमीन का मुद्दा, शिक्षा और रोजगार की डिमांड यहां सबसे ज्यादा वोटिंग बिहेवियर को प्रभावित कर रही है।
राघोपुर — महागठबंधन की पारंपरिक मजबूत सीट। तेजस्वी यादव की पुरानी सीट होने के कारण यहां राजनीतिक तापमान हमेशा ऊंचा रहता है। यहां जातीय समीकरण बहुत अहम हैं और चुनावी रणनीति में “माइक्रो मैनेजमेंट” बड़ी भूमिका निभा रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन तीनों सीटों पर नतीजा अगर वन-साइडेड नहीं आता, तो पूरे बिहार के समीकरण बदल सकते हैं। इन सीटों के रिजल्ट को ही इस बार “राजनीतिक संकेत” माना जाएगा।
@MUSKAN KUMARI







