@Ayesha Ahmad
-यूपी के कानपुर में बड़ा हादसा, फैक्ट्री में लगी भीषण आग से मचा हड़कंप
उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार को एक प्लास्टिक फैक्ट्री (या गोदाम) में भीषण आग लग गई। आग इतनी तेज थी कि देखते ही देखते लपटें आसमान छूने लगीं और आस-पास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया गया। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
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🔹 क्या है पूरा मामला?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, कानपुर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक प्लास्टिक फैक्ट्री या गोदाम से अचानक धुआं उठता दिखा।
कुछ ही देर में आग ने विकराल रूप ले लिया और आसपास के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया।
लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचना दी।
दमकल की करीब 10 से अधिक गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का काम शुरू किया। फायर ब्रिगेड की टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काफी हद तक काबू पा लिया।
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🔹 कोई जनहानि नहीं, नुकसान का आंकलन जारी
अधिकारियों के अनुसार, अब तक किसी के झुलसने या जान गंवाने की खबर नहीं है।
हालांकि, फैक्ट्री के अंदर रखे कच्चे माल और प्लास्टिक सामग्री के जलने से भारी आर्थिक नुकसान की आशंका जताई जा रही है।
आग लगने के सटीक कारणों का पता नहीं चल सका है, लेकिन प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है।
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🔹 दमकल विभाग और पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने आसपास के इलाके को खाली करा लिया है ताकि आग के फैलाव को रोका जा सके।
दमकल विभाग ने बताया कि –
> “आग को लगभग काबू में कर लिया गया है। कोई जनहानि नहीं हुई है। ठंडा करने का कार्य जारी है और जांच के बाद ही कारण स्पष्ट होगा।”
वहीं प्रशासन ने फैक्ट्री मालिक से दस्तावेज और सुरक्षा इंतज़ामों से जुड़ी जानकारी मांगी है।
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🔹 स्थानीय लोगों में डर और चिंता
आसपास के लोगों ने बताया कि आग लगने के बाद धुआं पूरे क्षेत्र में फैल गया, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगी।
कई घरों और दुकानों को एहतियातन बंद करवा दिया गया।
लोगों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का पालन ठीक से नहीं किया जाता, जिसके कारण इस तरह की घटनाएं बार-बार होती रहती हैं।
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🔹 प्लास्टिक फैक्ट्रियों में आग लगना क्यों आम है?
प्लास्टिक अत्यधिक ज्वलनशील होता है। ऐसे कारखानों में अगर आग लग जाए तो घना काला धुआं और ज़हरीली गैसें निकलती हैं, जो आसपास के लोगों और दमकलकर्मियों दोनों के लिए खतरनाक होती हैं।
इसके अलावा, फैक्ट्री में मौजूद रसायन और बिजली के उपकरण आग को तेजी से फैलाते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सुरक्षा के लिए नियमित फायर ऑडिट, अलार्म सिस्टम और फायर ड्रिल जरूरी हैं।
Author: BiharlocalDesk
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