@Ayesha Ahmad
🔹 पटना के मोकामा में राजनीतिक हिंसा से सनसनी
बिहार के पटना जिले के मोकामा में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब RJD (राष्ट्रीय जनता दल) से जुड़े एक स्थानीय नेता की हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि मृतक जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार के प्रचार अभियान में शामिल था। घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है, जबकि अनंत सिंह के समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया गया है।
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🔹 घटना कैसे हुई?
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मृतक शुक्रवार को जनसुराज उम्मीदवार के लिए प्रचार में गया था। देर शाम जब वह लौट रहा था, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उस पर हमला कर दिया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि हमलावर अनंत सिंह के करीबी समर्थक थे, हालांकि पुलिस अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है।
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🔹 अनंत सिंह का नाम क्यों आ रहा है सुर्खियों में?
मोकामा की राजनीति लंबे समय से बाहुबलियों के प्रभाव में रही है। अनंत सिंह, जिन्हें “छोटे सरकार” के नाम से भी जाना जाता है, इस क्षेत्र के प्रभावशाली चेहरे रहे हैं।
उनके खिलाफ हत्या, अपहरण और धमकी सहित कई गंभीर मामले दर्ज हैं। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि मोकामा में “गन और वोट” का रिश्ता पुराना है — और यह घटना उसी परंपरा का ताज़ा उदाहरण है।
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🔹 पुलिस जांच और प्रशासन की कार्रवाई
पटना पुलिस ने घटना के बाद तुरंत जांच शुरू कर दी है। मोकामा थाना क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
एसएसपी पटना ने बताया कि “हत्या के पीछे राजनीतिक रंजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। संदिग्धों की पहचान की जा रही है और जल्द गिरफ्तारी होगी।”
जनसुराज पार्टी के प्रवक्ता ने इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताते हुए कहा कि “जो लोग जनता की आवाज़ उठा रहे हैं, उन्हें चुप कराने की कोशिश की जा रही है।”
🔹 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
RJD नेताओं ने इसे साजिश करार दिया और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
जनसुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा, “बिहार में राजनीति अपराधियों के कब्जे में है, मोकामा इसका उदाहरण है।”
BJP और JDU नेताओं ने इसे जनसुराज का प्रचार स्टंट बताया और कहा कि विपक्ष माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।
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🔹 जनता में डर और नाराज़गी
मोकामा और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। लोग कहते हैं कि “हर चुनाव में यहां गोलियां चलती हैं, अब प्रचार भी सुरक्षित नहीं रहा।”
स्थानीय दुकानदारों ने सुरक्षा की मांग की है और कई इलाकों में पुलिस गश्ती बढ़ा दी गई है।
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🔹 विश्लेषण: बिहार की राजनीति और अपराध का पुराना रिश्ता
बिहार, खासकर मोकामा जैसे इलाकों में राजनीति और अपराध का मेल नया नहीं है। 1990 के दशक से ही यहां बाहुबलियों का दबदबा रहा है।
चुनावी मौसम में रंजिशें और हिंसा बढ़ना आम बात हो गई है।
यह घटना बताती है कि राज्य में अब भी कानून-व्यवस्था और राजनीतिक नैतिकता दोनों पर सवाल कायम हैं।
 
				Author: BiharlocalDesk
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