बिहार विधान सभा चुनाव की पृष्ठभूमि में, महागठबंधन ने एक नया घोषणा-पत्र जारी किया है, जिसका नाम है ‘बिहार का तेजरयी पऩ’। इस घोषणापत्र के प्रमुख बिंदुओं में बताया गया है कि प्रत्येक परिवार को अगले 20 महीनों के भीतर एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके लिए अगले 20 दिनों के अंदर विधानमंडल में नियम बनाया जाएगा।
घोषणापत्र में आगे यह भी कहा गया है कि पांच एक्सप्रेस-वे बनाए जाएंगे। युवाओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, प्राण पेंशनधारियों, किसानों और गरीब परिवारों का विशेष ध्यान रखा गया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेज़रवी यादव के साथ मंच पर खिलेश सिंह (सभा सांसद) और पवन खेड़ा (राष्ट्रीय प्रवक्ता) मौजूद थे। लेकिन मंच पर कण्णा अरलावरर (बिहार कांग्रेस के प्रभारी) और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम अनुपस्थित दिखे।
तेज़रवी ने कहा, “हमें केवल सरकार नहीं बनानी, बल्कि बिहार को बदलने का काम करना है। आज महागठबंधन के सभी साथी मिलकर बिहार के लोगों के सामने यह संकलय-पञ् पेश कर रहे हैं।”
घोषणापत्र के कुछ प्रमुख वादे इस प्रकार हैं:
8वीं से 12वीं तक के गरीब छात्रों को मुफ्त टैबलेट दिए जाएंगे।
पेपर लीक से निपटने के लिए कठोर कानून बनेगा।
निवेशकों को मंगल / सहारा स्कीम आदि के नुकसान से होने वाले आर्थिक प्रभाव से बचाने हेतु SIT (विशेष जाँच टीम) बनेगी।
136 नए डीपी कॉलेज, महिला महाविद्यालय होंगे।
प्रत्येक मृतक को 25 लाख तक मुफ्त वारिस बीमा।
मनरेगा में मजदूरी 300 रू प्रति दिन और काम के अवसर 200 दिन दिए जाएंगे।
OBC, SC/ST श्रेणियों में आरक्षण बढ़ाकर नौवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव।
तेज़रवी ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार के प्रति सहानुभूति है, क्योंकि भाजपा तथा अन्य शक्तियों ने उन्हें “पुतला” बना दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले ही भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनने जा रहे। महागठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री (CM) और डिप्टी सीएम (डटीसीएम) का कौन पद सँभालेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है, जबकि NDA की ओर से स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है।
 
				Author: BiharlocalDesk
ASAIN TIMES NEWS NETWORK
 
								 
								

 
															



