राज्य ब्यूरो, पटना।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले महागठबंधन (RJD-कांग्रेस-VIP) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। विकासशील इंसान पार्टी (VIP) प्रमुख मुकेश सहनी के बागी तेवरों ने पूरे सियासी माहौल में हलचल मचा दी है।
सूत्रों के अनुसार, मुकेश सहनी ने 60 सीटों और उपमुख्यमंत्री पद की मांग रखी थी। वहीं, तेजस्वी यादव ने उन्हें समझौते के तहत 18 सीटों का प्रस्ताव दिया, जिसमें 10 सीटें राजद (RJD) और 8 सीटें कांग्रेस के कोटे से देने की बात थी। लेकिन सहनी इस प्रस्ताव से असंतुष्ट नजर आए।
🔸 कांग्रेस की देरी से नाराज सहनी
कांग्रेस द्वारा कई सीटों पर निर्णय में देरी के चलते महागठबंधन के भीतर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सहनी को इस बात की नाराजगी है कि उनके प्रत्याशियों के लिए अब तक सिंबल और नामांकन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी गई है। इसी असंतोष के कारण सहनी ने पटना में अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुला ली, जिससे पूरे गठबंधन में हड़कंप मच गया।
🔸 बातचीत जारी, लेकिन रुख सख्त
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सहनी से संपर्क कर स्थिति को संभालने की कोशिश की है और कुछ घंटों की मोहलत मांगी है। इस बीच, सहनी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस का समय 12 बजे से बढ़ाकर शाम 4 बजे कर दिया।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर बात नहीं बनी तो सहनी महागठबंधन से अलग राह भी चुन सकते हैं।
🔸 महागठबंधन के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
तेजस्वी यादव, जो महागठबंधन के समन्वयक हैं, सहनी को लगातार जोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन सीटों पर असहमति और सहनी के कड़े रुख के चलते यह मामला अब गठबंधन के लिए बड़ा सिरदर्द बन गया है।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मुकेश सहनी आखिरी समय में क्या फैसला लेते हैं।
बिहार की राजनीति में मुकेश सहनी का प्रभावी जनाधार है, विशेषकर मल्लाह समुदाय में। ऐसे में उनका फैसला महागठबंधन की चुनावी रणनीति को सीधा प्रभावित कर सकता है। अगर सहनी का समर्थन खिसकता है, तो यह महागठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।
Author: BiharlocalDesk
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