केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि विकास की धड़कन होती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के तहत अब तक 1.8 लाख से अधिक गाँवों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा चुका है। सड़क निर्माण की रफ़्तार भी 2014 से पहले औसतन 12 किलोमीटर प्रतिदिन थी, जो अब बढ़कर 30–35 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है।
आम जनता को राहत
नई सड़कों ने न केवल दूरी कम की है, बल्कि लोगों के जीवन को भी आसान बनाया है।
किसान अपनी फ़सल मंडी तक तेजी से पहुँचा पा रहे हैं।
बच्चों के लिए स्कूल जाना आसान हुआ है।
बीमारों को अस्पताल तक पहुँचाने में समय बच रहा है।
टोल टैक्स प्रणाली में सुधार
सरकार ने सड़क निर्माण के साथ-साथ टोल टैक्स प्रणाली को भी सरल और किफ़ायती बनाया है। NHAI द्वारा शुरू की गई वार्षिक टोल पास योजना ने लोगों को बड़ी राहत दी है।
झारखंड के धनपुरा गाँव के किसान रघुवीर प्रसाद बताते हैं—
“अब टोल पर रुकना नहीं पड़ता, पैसों की बचत भी है और मन हल्का हो गया है। सड़क अब हमारे लिए बोझ नहीं, राहत है।”
रोज़गार और उद्योग को बढ़ावा
हाईवे और एक्सप्रेसवे के आसपास नए उद्योग, वेयरहाउस और रोज़गार के अवसर बढ़ रहे हैं। युवा इन सड़कों का उपयोग कर स्टार्टअप, ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक बिज़नेस में नए आयाम गढ़ रहे हैं।
मोदी सरकार का विज़न
प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश है—
“पक्की सड़क, पक्का विकास।”
वास्तव में, जब सड़कें बनती हैं तो केवल रास्ते ही नहीं, बल्कि लाखों सपनों का सफ़र भी आसान हो जाता है।
@AT Saumya

Author: BiharlocalDesk
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