नेपाल में भ्रष्टाचार और हाल ही में लगाए गए सोशल मीडिया बैन के खिलाफ युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार को बड़ी संख्या में 18 से 30 साल की उम्र के युवाओं ने संसद भवन परिसर में घुसकर प्रदर्शन किया। नेपाल पुलिस के अनुसार, 12 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी मौजूद थे।
संसद भवन पर प्रदर्शनकारियों का कब्जा
प्रदर्शनकारियों ने संसद के गेट नंबर 1 और 2 पर कब्जा कर लिया। हालात बिगड़ने पर राष्ट्रपति भवन, उपराष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री आवास के आसपास कर्फ्यू लगा दिया गया। सेना को भी तैनात कर दिया गया।
पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की। कई राउंड फायरिंग भी की गई। इसमें एक आंदोलनकारी की मौत की खबर है और कई लोग घायल हुए हैं।
काठमांडू समेत कई शहरों में कर्फ्यू
काठमांडू जिला प्रशासन ने प्रमुख इलाकों में दोपहर 12:30 बजे से रात 10:00 बजे तक कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया। इससे पहले भी शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी।
काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि –
“युवाओं की आवाज सुनी जानी चाहिए, अगर भ्रष्टाचार और असमानता खत्म नहीं हुई तो पढ़े-लिखे युवा देश छोड़ने पर मजबूर होंगे।”
विदेशों से भी मिला समर्थन
विदेशों में रह रहे नेपाली युवाओं ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार और असमानता समाप्त करना जरूरी है, वरना देश का भविष्य अंधकारमय होगा।
सोशल मीडिया बैन से भड़का विवाद
नेपाल सरकार ने 3 सितंबर 2025 को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का आदेश दिया था।
सरकार का कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स ने नेपाल में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सऐप, ट्विटर (X), रेडिट और लिंक्डइन जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स ने आवेदन नहीं किया।
जबकि टिकटॉक, वाइबर, वीचैट और पोपो लाइव ने पंजीकरण पूरा कर लिया है।
टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की प्रक्रिया जारी है।
सरकार ने साफ किया कि अगर कोई प्लेटफॉर्म रजिस्ट्रेशन पूरा करता है तो उसे उसी दिन बहाल कर दिया जाएगा।
नतीजा
नेपाल में यह आंदोलन अब ऐतिहासिक बन गया है, क्योंकि देश के इतिहास में पहली बार संसद भवन में युवाओं ने घुसपैठ की है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ यह लड़ाई अभी और तेज होती दिख रही है।
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Author: BiharlocalDesk
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