एशियन टाइम्स स्पेशल रिपोर्ट
पटना (संवाददाता):
बिहार की शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ी हलचल उस समय देखी गई जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) एस. सिद्धार्थ ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन देकर इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा 17 जुलाई को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा गया है, जिसकी मंजूरी मिलते ही आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, यदि मुख्यमंत्री मुहर नहीं लगाते हैं, तो एस. सिद्धार्थ को नवंबर 2025 तक पद पर बने रहना होगा क्योंकि उसी महीने वह सेवा-निवृत्ति के पात्र हो जाएंगे।
कौन हैं एस. सिद्धार्थ?
- 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।पूर्व में पटना डीएम रह चुके हैं।शिक्षा विभाग के लिए कई चर्चित फैसले लिए, जैसे स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के नाम न काटने का आदेश।शिक्षा सुधार के कई निर्णयों को उन्होंने अमलीजामा पहनाया।
आर्थिक स्थिति का किया खुलासा:
- सेवामुक्ति से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक किया।₹34.79 लाख कैश सेविंग अकाउंट में।₹1 लाख के शेयर और बॉन्ड।₹4 लाख के आभूषण।एक पिस्टल।दिल्ली, तेलंगाना, तमिलनाडु में फ्लैट/मकान।उन पर कुछ बैंकों से लिए गए लोन भी हैं।
राजनीतिक भविष्य की चर्चा तेज:
- सूत्रों की मानें तो एस. सिद्धार्थ विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले भी कई अफसरों के राजनीति में जाने के बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा से विदाई ली है।उनकी कार्यशैली और साफ़ छवि ने उन्हें राजनीतिक गलियारों में लोकप्रिय बनाया।
क्या होगा आगे?
अब निगाहें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्वीकृति पर टिकी हैं। यदि वह इस्तीफे को मंजूरी देते हैं, तो यह बिहार प्रशासनिक ढांचे में एक बड़ा बदलाव माना जाएगा।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)