“भारत को कृषि पर देना होगा विशेष ध्यान” – व्यापार समझौतों पर बोले पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन

मुंबई, एशियन टाइम्स नेटवर्क

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डॉ. रघुराम राजन ने शुक्रवार को अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौतों को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने चेताया कि भारत को खासकर कृषि क्षेत्र में बहुत सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे व्यापार समझौते किसानों के हितों को प्रभावित कर सकते हैं।

राजन ने कहा कि कृषि जैसे क्षेत्रों में व्यापार समझौते काफी जटिल होते हैं और इनका सीधा असर देश के किसानों की आय और उत्पादकता पर पड़ता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सस्ते विदेशी उत्पादों का निर्बाध आयात होने लगेगा, तो इससे भारतीय किसान सीधे तौर पर नुकसान में आ सकते हैं।

कृषि को लेकर अमेरिका से बातचीत जरूरी:

राजन ने बताया कि अमेरिका की तरफ से डेयरी और कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क हटाने की मांग की जा रही है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत को व्यापार समझौते इंडोनेशिया की तर्ज पर करने होंगे। इसका मतलब होगा कि कृषि क्षेत्र को सब्सिडी और आयात राहत में समझौते के आधार पर चलाना होगा।

एफडीआई और डेयरी उद्योग पर असर:

राजन ने यह भी कहा कि विकासशील देशों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देने के नाम पर डेयरी और दुग्ध उत्पादों के क्षेत्र में सस्ते विदेशी उत्पादों की एंट्री से भारत के स्थानीय उत्पादकों को नुकसान हो सकता है। इससे दूध और इससे जुड़े उत्पादों की कीमतों में गिरावट आ सकती है।

समझदारी से नीति निर्माण की जरूरत:

राजन ने कहा, “हमें न केवल खुला बाजार अपनाना है, बल्कि रणनीति के साथ समझदारी से नीति निर्माण करनी होगी। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कई देशों में बड़े पैमाने पर सरकारी सब्सिडी दी जाती है, जो उनके उत्पादों को भारत में बेहद सस्ता बनाकर हमारे किसानों को नुकसान पहुंचा सकती है।”

शिक्षा व्यवस्था और संरचनात्मक सुधार पर भी बल:

उन्होंने भारत में शिक्षा प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों को भी तेज़ी से लागू करने की बात कही। राजन ने कहा, “हमें अपने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा। कृषि और शिक्षा दोनों ही हमारे दीर्घकालिक विकास की कुंजी हैं।”

पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की बातचीत जारी है। उनका साफ कहना है कि सरकार को किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखना चाहिए, वरना विदेशी कंपनियों के लिए भारतीय बाजार खोलने की कीमत देश के किसान और स्थानीय उद्योगों को चुकानी पड़ सकती है।

 

Bihar Desk
Author: Bihar Desk

मुख्य संपादक (Editor in Chief)

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