रिपोर्टर: [ziya ], Asian Times | स्थान: बिजनौर |
उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। युवती से सामूहिक दुष्कर्म और फिर उसका वीडियो वायरल करने की घिनौनी हरकत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि देश में बेटी आज भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।
पुलिस की कार्रवाई तेज, अब तक 4 गिरफ्तार
घटना में संलिप्त आरोपियों की धरपकड़ में पुलिस ने तेजी दिखाई है। शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली एक आरोपी के पैर में लगी, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसी दौरान एक अन्य आरोपी को भी पकड़ लिया गया। इससे पहले दो अन्य आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। हालांकि, अभी भी 2 नामजद आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस की कई टीमें दबिश दे रही हैं।
क्या यही है बेटियों के लिए नया भारत?
सरकारें चाहे जितनी भी सुरक्षा योजनाएं बनाएँ, महिला हेल्पलाइन नंबर जारी करें या महिला सुरक्षा के दावे करें — जमीनी हकीकत बार-बार यही सवाल उठाती है:
“क्या देश में बेटियाँ अब भी सुरक्षित हैं?”
बिजनौर की इस घटना ने हर बेटी, हर माँ और हर परिवार के मन में डर पैदा कर दिया है। यह सिर्फ एक घटना नहीं, एक चेतावनी है कि अपराधियों के दिलों में अब कानून का डर नहीं बचा।
वीडियो वायरल: दोहरी यातना
इस पूरे मामले को और भी शर्मनाक तब बना दिया गया जब आरोपियों ने दुष्कर्म का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे पीड़िता और उसके परिवार को दोहरी मानसिक यातना झेलनी पड़ रही है। समाज में फैली इस डिजिटल दरिंदगी को रोकना अब सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।
समाज का मौन, अपराधियों का हौंसला
ऐसे मामलों में समाज की चुप्पी भी अपराधियों का मनोबल बढ़ाती है। जब तक हर नागरिक आवाज़ नहीं उठाएगा, तब तक ऐसे अपराध रुकेंगे नहीं।
पुलिस-प्रशासन पर सवाल
हालांकि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है, लेकिन सवाल यह भी उठता है कि आखिर ये आरोपी इतने दिन तक खुलेआम कैसे घूमते रहे? क्यों नहीं पहले से इन पर नजर रखी गई? ऐसे अपराधों की रोकथाम के लिए proactive policing की आवश्यकता है, न कि केवल घटना के बाद की कार्रवाई।
बिजनौर की यह घटना सिर्फ एक युवती के साथ हुआ अपराध नहीं, बल्कि पूरे समाज और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। अगर अब भी हम नहीं जागे, तो अगला नंबर किसी और की नहीं, आपके घर की बेटी का हो सकता है।

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)