नई दिल्ली, 17 फरवरी 2025 (एशियन टाइम्स रिपोर्टर): शनिवार रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें भगदड़ मचने से 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों यात्री प्रयागराज में महाकुंभ मेले में जाने के लिए स्टेशन पर जमा हुए थे। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
कैसे हुआ हादसा?
शनिवार रात करीब 8 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर यात्रियों की भारी भीड़ थी। अचानक ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा हुई, जिससे यात्री घबरा गए और भगदड़ मच गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, फुटओवर ब्रिज पर अत्यधिक भीड़ थी, जिसके चलते कुछ लोग गिर पड़े और उनके ऊपर कई अन्य लोग चढ़ गए। दम घुटने और चोट लगने से कई लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
पीड़ितों की पहचान और स्थिति
मरने वालों में 14 महिलाएँ और 4 बच्चे शामिल हैं। कई घायलों को लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और एम्स में भर्ती कराया गया है, जहाँ कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई इस दुखद घटना से मन व्यथित है। मेरी संवेदनाएँ पीड़ित परिवारों के साथ हैं और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि रेलवे प्रशासन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
रेलवे प्रशासन की लापरवाही?
यात्रियों ने आरोप लगाया कि रेलवे प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए समुचित व्यवस्था नहीं की थी।
- प्लेटफॉर्म बदलने की सूचना पहले क्यों नहीं दी गई?
- सुरक्षा बलों की तैनाती क्यों नहीं की गई?
- भगदड़ रोकने के लिए रेलवे पुलिस और प्रशासन ने तत्परता क्यों नहीं दिखाई?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई यह घटना एक बड़ी त्रासदी है, जिसने रेलवे प्रशासन की खामियों को उजागर किया है। अब देखना होगा कि सरकार और रेलवे इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं।