अब टोल टैक्स नहीं देना होगा। यह कदम आम जनता और निजी वाहन चालकों को

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लो भाई माफ हो गया टोल टैक्स, नितिन गडकरी ने नए साल से पहले दिया बड़ा तोहफा

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने देशवासियों को नए साल का तोहफा देते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि 20 किलोमीटर तक की दूरी तय करने वाले निजी वाहन मालिकों को अब टोल टैक्स नहीं देना होगा। यह कदम आम जनता और निजी वाहन चालकों को आर्थिक राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

क्या है नया नियम?

नितिन गडकरी ने जानकारी दी है कि यह फैसला अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ खास राज्यों में लागू किया गया है। नियम के अनुसार:

20 किलोमीटर तक की यात्रा मुफ्त: निजी वाहन मालिक यदि राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर 20 किलोमीटर तक की यात्रा करते हैं, तो उनसे कोई टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।

GNSS सिस्टम जरूरी: यह सुविधा केवल उन्हीं वाहनों को दी जाएगी जिनमें Global Navigation Satellite System (GNSS) एक्टिव होगा। यह एक सैटेलाइट-आधारित तकनीक है, जो वाहनों की लोकेशन और यात्रा दूरी का सटीक अनुमान लगाती है।

20 किलोमीटर से अधिक यात्रा पर वास्तविक टोल: यदि वाहन चालक 20 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करता है, तो उसे केवल उतनी ही दूरी का टोल टैक्स देना होगा जितनी उसने यात्रा की है।

कहां लागू हुआ नया नियम?

फिलहाल यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में दो हाईवे पर लागू की गई है:

कर्नाटक का नेशनल हाइवे 275

हरियाणा का नेशनल हाइवे 709

अगर इन पायलट प्रोजेक्ट्स की रिपोर्ट सकारात्मक रहती है, तो इसे देशभर के अन्य नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर भी लागू किया जाएगा।

GNSS सिस्टम क्यों जरूरी है?

सरकार ने GNSS सिस्टम को टोल टैक्स प्रणाली में शामिल करने का निर्णय लिया है, जिससे पारदर्शिता बढ़े और केवल वास्तविक दूरी के आधार पर ही टोल लिया जाए। GNSS सिस्टम के फायदे:

सटीक ट्रैकिंग और भुगतान।

समय और पैसे की बचत।

ट्रैफिक मॉनिटरिंग में सुधार।

सरकार ने पहले ही फास्टैग के जरिए डिजिटल टोल भुगतान को बढ़ावा दिया था और अब GNSS सिस्टम के जरिए इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है। नए नियम से जनता को क्या फायदा? छोटी दूरी वालों को राहत: रोजाना 20 किलोमीटर तक यात्रा करने वाले वाहन चालकों का टोल टैक्स पूरी तरह माफ होगा।  पैसे की बचत: लंबी दूरी तय करने वालों को भी केवल यात्रा की वास्तविक दूरी के आधार पर ही टोल देना होगा।

डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली: GNSS के जरिए टोल भुगतान और ट्रैकिंग ज्यादा सटीक और आसान हो जाएगी।

सरकार का उद्देश्य

यह निर्णय देश में सड़क परिवहन को सस्ता और सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नितिन गडकरी ने कहा कि यह पहल डिजिटल इंडिया और ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। साथ ही, यह कदम जनता पर आर्थिक बोझ कम करेगा और नेशनल हाईवे सिस्टम को अधिक प्रभावी बनाएगा।

आगे का रास्ता

यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है, तो यह प्रणाली पूरे देश में लागू की जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे न केवल वाहन चालकों को लाभ मिलेगा, बल्कि ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी अधिक कुशल और पारदर्शी बनेगा।

इस नए साल पर जनता को मिली यह सौगात निश्चित रूप से एक राहत की खबर है।

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