चावल के पानी से नकली दवाएं तैयार: यूपी से नॉर्थ इंडिया तक सप्लाई, 6 लाख की दवा 85 लाख में बेची

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शिक्षा और रोजगार जैसे गंभीर मुद्दों को लेकर छात्रों का आंदोलन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। छात्रों का कहना है कि उन्हें बेहतर शिक्षा व्यवस्था, रोजगार के अवसर, और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता चाहिए। ये मांगें हर छात्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। लेकिन सवाल उठता है कि क्या इस आंदोलन से उनकी वास्तविक समस्याओं का समाधान होगा या यह भी केवल एक राजनीतिक खेल बनकर रह जाएगा।

चावल के पानी से नकली दवाएं तैयार: यूपी से नॉर्थ इंडिया तक सप्लाई, 6 लाख की दवा 85 लाख में बेची

उत्तर प्रदेश में नकली दवाओं का बड़ा मामला सामने आया है। चावल के पानी से नकली दवाएं तैयार कर, उन्हें महंगे ब्रांड्स के नाम पर पूरे नॉर्थ इंडिया में सप्लाई किया जा रहा था। मात्र 6 लाख की लागत से तैयार इन दवाओं को 85 लाख रुपए में बेचा जाता था।

 

1. गिरफ्तारी और खुलासा:
यूपी पुलिस ने नकली दवा बनाने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह चावल के पानी और सस्ते केमिकल्स का उपयोग कर नकली दवाएं बनाता था।

2. सप्लाई नेटवर्क:

नकली दवाओं को उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड जैसे राज्यों में सप्लाई किया जा रहा था।

दवाओं को नामी कंपनियों के ब्रांडेड पैकेज में बेचा जाता था।

3. बड़ी कमाई:

गिरोह सिर्फ 6 लाख रुपए की लागत से दवाएं तैयार कर, इन्हें 85 लाख रुपए तक की कीमत में बेच रहा था।

ये नकली दवाएं न केवल कानून के खिलाफ हैं, बल्कि लोगों की सेहत के लिए खतरनाक भी हैं।

4. जांच जारी:

पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में नकली दवाएं, पैकेजिंग सामग्री और उपकरण बरामद किए हैं।

अधिकारियों का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों और सप्लाई चैन का पता लगाने के लिए जांच जारी है।

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि लोग सिर्फ भरोसेमंद स्रोतों से ही दवाएं खरीदें। नकली दवाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

@Tanvir Alam

 

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