जन सुराज यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने अब तक का सबसे बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य ऐसे लोगों को राजनीति में लाना है जो अब तक वंचित रहे हैं. आसान भाषा में कहा जाए तो प्रशांत किशोर बिहार की सत्ता में परिवर्तन करवाना चाहते हैं.
यात्रा के लिए फंडिंग कहां से आ रही है इसके बारे में प्रशांत किशोर ने बड़ा खुलासा किया है. पूरे कहा कि ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल सहित भारत के क्षेत्रीय उनको इस यात्रा के लिए फंडिंग कर रहे हैं और सहयोग दे रहे हैं.
देश के 6 मुख्यमंत्रियों के सहयोग से चल रहा जन सुराज अभियान, आगे क्राउड फंडिंग का सबसे बड़ा मंच तैयार होगा: प्रशांत किशोर : जन सुराज अभियान के लिए पैसे कहां से आ रहे हैं, इस सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “पैसा सरस्वती से आ रहा है। पिछले 10 सालों में जिन नेताओं और दलों के लिए काम किया है, उनसे एक रुपया भी नहीं लिया था। उनमें से 6 अभी मुख्यमंत्री हैं। वे लोग ही जन सुराज अभियान के लिए शुरुआती मदद कर रहे हैं। आगे कुछ दिनों में क्राउड फंडिंग का एक बड़ा प्लेटफॉर्म तैयार कर रहे हैं। बिहार के लोग अपनी ओर से छोटा योगदान देकर भी इस पूरे प्रक्रिया में अपना योगदान दे पाएंगे। बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ है। अगर दो करोड़ लोग भी ₹100 देंगे तो 200 करोड़ रुपए हो जाएगा और जनता के पैसों से ही जन सुराज का अभियान आगे चलेगा।”
पंजाब के किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए दिल्ली को घेर लिया, बिहार के किसानों को भी अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा- प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा के दौरान बगहा के भठहिया में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने किसान आंदोलन का ज़िक्र करते हुए कहा कि पंजाब के किसानों ने अपने फसल को सही मूल्य के लिए डेढ़ साल तक लड़ाई लड़ी। वहीं बिहार में नीतीश कुमार ने 10 साल पहले मंडी की व्यवस्था ख़त्म कर दी। इसी वजह से हमारे किसानों को फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। हमें अपने अधिकार की चिंता खुद करनी होगी। जैसे लालू और नीतीश ने ठगा आगे भी कोई ठग कर चला जाएगा।