हिजाब मामले को लेकर हुई एक टीवी डिबेट को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में ‘न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (एनबीडीएसए) ने सख्त कदम उठाया है।
बता दें कि इस मामले में कार्रवाई करते हुए एनबीडीएसए ने निजी न्यूज चैनल ‘न्यूज18 इंडिया’ पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही NBDSA ने चैनल को अपनी वेबसाइट और सभी प्लेटफॉर्म से इस डिबेट शो के वीडियो को हटाने के भी निर्देश दिए हैं।
एनबीएसए अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी (सेवानिवृत्त) द्वारा इस मामले में दिये गये आदेश में कहा गया है कि एनबीडीएसए ने छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने का समर्थन करने वाले पैनलिस्ट को जवाहिरी के साथ लिंक करना और उन्हें ‘जवाहिरी गिरोह के सदस्य’ के तौर पर बताना या यह कहना कि ‘जवाहिरी आपका भगवान है’, इस तरह के संबोधन के लिए प्रसारक की प्रवृत्ति की कड़ी निंदा होनी चाहिए।
सीकरी ने 21 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा कि अगर आगे भी भविष्य में इस तरह के उल्लंघन किए जाते हैं, तो ब्रॉडकास्टर को निर्देश देना पड़ सकता है कि टीवी एंकर अमन चोपड़ा एनबीडीएसए के सामने पेश हों। आदेश में कहा गया है कि अन्य पैनलिस्टों को लाइन पार करने से रोकने में एंकर विफल रहे।
आदेश में कहा गया, “एंकर ने आचार संहिता और प्रसारण मानकों और अहम दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया।” बता दें कि जिस डिबेट शो को लेकर शिकायत की गई, वह 6 अप्रैल को प्रसारित किया गया था। इसपर शिकायतकर्ता इंद्रजीत घोरपड़े ने कहा था कि 6 अप्रैल को प्रसारित शो में एंकर ने मुस्लिम पैनलिस्टों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया था।
घोरपड़े ने आरोप लगाया था कि एंकर अमन चोपड़ा ने डिबेट शो में मुस्लिम छात्राओं को लेकर ‘हिजाबी गैंग’ और ‘हिजाबवाली गज़वा गैंग’ जैसे टर्म का इस्तेमाल किया और ऐसा झूठे आरोप लगाए थे कि उन्होंने दंगों का सहारा लिया था।
इन आरोपों पर चैनल ने अपनी सफाई में कहा था कि उसकी तरफ से ‘हिजाबी गैंग’, ‘हिजाब वाली गजवा गैंग’ और ‘जवाहिरी गैंग’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल ऐसी ‘अदृश्य ताकतों’ के लिए किया था जो इस विवाद के पीछे लगातार बनी हुईं है। चैनल ने कहा कि ऐसे शब्दों का प्रयोग हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन करने वाली छात्राओं के लिए नहीं था। हालांकि एनबीडीएसए ने इस तर्क खारिज कर दिया।
इनपुट : जनसत्ता