खबर राजनीति गलियारे से आ रही हैं जहां बिहार में पीएफआई के टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी PFI के ठिकानों पर पूरे देश में छापेमारी कर रही है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि इतने बड़े खुलासे के बावजूद नीतीश सरकार PFI के प्रति नरम रूख अपना रही है। बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने सवाल उठाया है कि आखिर क्या कारण है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक पीएफआई को बैन करने की मांग केंद्र सरकार से नहीं की है। ऐसे में बिहार की जनता को जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन से सतर्क रहने की जरूरत है।
बिहार के लोगों को जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन से सतर्क रहने की जरूरत है। नीतीश कुमार को बीजेपी के साथ मिलकर पांच साल सरकार चलाने का जो जनादेश मिला था बीच में ही उसको धोखा देकर लालू से हाथ मिला लिया। महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बिहार में जंगलराज-2 शुरू हो गया है। राज्य में अपराधी बेलगाम हो गए हैं। हर दिन लोगों की हत्याएं हो रही हैं। पीएफआई जैसा आतंकी संगठन जिसपर देशव्यापी छापे पड़ रहे हैं। बिहार सरकार का पीएफआई के प्रति बहुत ही नरम रूख है।
सुशील मोदी ने आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी के उस बयान की भी चर्चा की जिसमें शिवानंद तिवारी ने कहा था कि अगर पीएफआई के लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने पूछा कि आखिर क्या कारण है कि नीतीश कुमार ने आजतक पीएफआई को लेकर केंद्र सरकार को पत्र नहीं लिखा। बिहार में इस संगठन से जुड़े इतने लोगों की गिरफ्तारी के बावजूद नीतीश कुमार केंद्र से पीएफआई को बैन करने की मांग नहीं कर रहे हैं।
आतंकी संगठन पीएफआई ने 12 जुलाई को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार आने वाले थे तो उनके कार्यक्रम को प्रभावित करने की साजिश रची थी। ऐसा संगठन जो स्लीपर मॉड्यूल बनाकर बिहार के अंदर काम कर रहा है। इसके बावजूद पीएफआई के प्रति सरकार का रूख नरम है। ऐसे में बिहार की जनता को जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन से बचकर रहने की जरूरत है।