खाकी वर्दी की काली करतूत,कॉलगर्ल सप्लायर के पास से मधेपुरा एसपी का मोबाइल बरामद

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खाकी वर्दी की काली करतूत,कॉलगर्ल सप्लायर के पास से मधेपुरा एसपी का मोबाइल बरामद

बिहार के मधेपुरा में कॉलगर्ल सप्लायर बतायी जा रही एक महिला के वायरल वीडियो ने सुशासन के वर्दीधारियों की काली करतूत को नंगा कर दिया है. चर्चा ये है कि इस कॉलगर्ल सप्लायर के पास से मधेपुरा के एसपी का मोबाइल फोन मिला है. उसके बाद महिला से पुलिस पूछताछ का वीडियो वायरल हो गया है. महिला बता रही है कि वह पुलिस के किस-किस साहब को लडकियां सप्लाई करती थी।

कॉलगर्ल सप्लायर के पास से मधेपुरा एसपी का मोबाइल बरामद होने के मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया है। कोसी रेंज के डीआईजी शिवदीप दरअसल मधेपुरा में एक महिला से पूछताछ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया है। वायरल वीडियो में महिला ने बताया है कि वह कई पुलिस अधिकारियों को लड़कियों की सप्लाई करती रही है। महिला ने मधेपुरा डीएसपी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। अब डीआईजी शिवदीप लांडे ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।

मामले की जांच के लिए गठित तीन सदस्ययी टीम में मधेपुरा एसपी राजेश कुमार, सहरसा डीएसपी एजाज हफीज मणि और मधेपुरा के पुलिस निरीक्षक प्रशांत कुमार शामिल हैं। डीआईजी शिवदीप लांडे ने 36 घंटों के भीतर जांच कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। डीआईजी कार्यालय से जारी आदेश में कहा गया है कि मधेपुरा के मुख्यालय डीएसपी पर लगे गंभीर आरोपों से पुलिस की छवि धूमिल हुई है।

दरअसल, मधेपुरा में महिला से पुलिस पूछताछ का जो वीडियो वायरल हुआ है वह विस्फोटक है. बताया जा रहा है कि महिला से सहरसा के डीआईजी ऑफिस में पूछताछ की जा रही थी, जिसका वीडियो वायरल हो गया है. इस पूछताछ में महिला मधेपुरा पुलिस के आलाधिकारियों को नंगा कर दे रही है. कॉलगर्ल सप्लाइ करने वाली महिला ने वीडियो में बताया है कि वह कई पुलिस अधिकारियों को लड़कियों की सप्लाई करती रही है. लड़की सप्लाई के एवज में उसे जो पैसे मिलते थे उसकी भी जानकारी दे रही है।

वायरल वीडियो में महिला बताती है कि उसने मधेपुरा के डीएसपी साहब को एक लड़की सप्लाई किया था. महिला बता रही है कि मधेपुरा सदर अस्पताल के सामने डीएसपी मुख्यालय के आवास पर वह एक लड़की को भेजती थी. डीएसपी साहब के पास कई दफे लडकी भेजी गयी. पहली बार तो उन्होंने पैसे दिये थे लेकिन बाद में पैसा नहीं दिया. इसके बाद लड़की मोबाइल उठा कर ले आयी. महिला कह रही है कि डीएसपी की कोठी पर जो लडकी गयी थी उसने ही वहां से मोबाइल लाकर उसे दिया था।

वीडियो में महिला बता रही है कि वह कई पुलिस अधिकारियों को लडकी सप्लाई करती रही है. उसने ये भी बताया कि मधेपुरा के डीएसपी साहब का क्या रेट था. महिला बता रही है कि डीएसपी साहब जब लड़की को एक घंटे के लिए अपनी कोठी में रखते थे तो उसका रेट 300 रूपया था. अगर लड़की को दो-तीन घंटे के लिए रोका गया तो उसका रेट 500 रूपया था. पहली बार डीएसपी साहब ने 300 रूपया दिया था तो लड़की ने उसे 100 रूपये कमीशन दिया था. लेकिन पहली बार के बाद डीएसपी ने फिर कभी पैसा ही नहीं दिया. तभी लड़की उनके घर से मोबाइल उठा ले आयी।

दरअसल लडकी जो मोबाइल लेकर भाग गयी थी वह मधेपुरा के एसपी का मोबाइल था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि मधेपुरा एसपी राजेश कुमार हाल में ही छुट्टी पर गए थे. पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक उन्होंने मुख्यालय डीएसपी अमरकांत चौबे को एसपी का चार्ज सौंप दिया था. मधेपुरा एसपी ने सरकारी मोबाइल भी डीएसपी को सौंपा था. इसी बीच डीएसपी ने कॉलगर्ल को अपने आवास पर बुलाया था. उसे पैसे नहीं मिले तो वह तकिये के नीचे रखा एसपी का मोबाइल लेकर चली गयी।

ये सारा खेल सहरसा के डीआईजी शिवदीप लांडे की सक्रियता से उजागर हुआ. शिवदीप लांडे ने उसी दौरान मधेपुरा एसपी के मोबाइल नंबर पर कॉल किया था. लेकिन मोबाइल नंबर बंद मिला. एसपी का सरकारी मोबाइल बंद देख डीआईजी को शक हुआ. उन्होंने एसपी के मोबाइल का लोकेशन चेक कराया. पता चला कि मोबाइल सहरसा में है. मधेपुरा के एसपी के मोबाइल का लोकेशन सहरसा में देख डीआईजी शिवदीप लांडे हैरान रह गये।

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