इस बार ३१ अगस्त को गणेश जी पधार रहे हे। सभी को उनकी प्रतीक्षा होती हे। खासकर बच्चो को। उनके स्वागत में किसी भी तरह की कोई कमी ना आये इसका ध्यान अवस्य रखना चाहिए। जानते हे कुछ खास बाते उनके स्थापना की ,
गणेश चतुर्थी के दिन विधि विधान से भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने और पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। लेकिन कई बार विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की मूर्ती स्थापित करते समय भूल हो जाती है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता। ऐसे में इस लेख के माध्यम हम आपको भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने की विधि बताएंगे। आइए जानते हैं।
एक से ज्यादा मूर्ति स्थापित ना करें
गणेश चतुर्थी के दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की केवल एक ही मूर्ति स्थापित करें। पौराणिक कथाओं के अनुसार एक से ज्यादा मूर्ति स्थापित करने से गणेश जी की पत्नी रिद्धि सिद्धि नाराज हो जाती हैं। ऐसे में भूलकर भी मंदिर में भगवान गणेश की एक से ज्यादा मूर्ति स्थापित ना करें।
मूर्ति स्थापित करते समय रखें ध्यान
शास्त्रों के अनुसार बाजार से भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय विशेष ध्यान रखें। घर पर भगवान गणेश की वही मूर्ति लाएं जिसकी सूंढ़ बांई ओर झुकी हुई हो। साथ ही यदि आप घर पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करना चाहते हैं तो हमेशा बैठी हुई मुद्रा में रखें।
मूर्ति स्थापित करने की विधि
गणपति की स्थापना करते समय सबसे पहले चौकी पर गंगा जल छिड़कें और इसे शुद्ध करें। इसके बाद चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और उस पर अक्षत रखें। अब विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ति चौकी पर स्थापित करें। इसके बाद गंगाजल से भगवान को स्नान कराएं। मूर्ति के दाईं और बाईं ओर रिद्धि सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें। तथा गणपति के दाईं ओर कलश स्थापित करें और कलश पर एक जटा वाला नारियल रखें। इसके बाद धूप दीप कर भगवान गणेश की पूजा अर्चना करें।