नई दिल्ली, 16 जून: राज्यसभा चुनाव के बाद अब महाराष्ट्र में एमएलसी चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोरों पर हैं, लेकिन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं लग रहा है।
राज्यसभा की हार से सबक लेते हुए शिवसेना ने अपने सहयोगी दलों से साफ कह दिया है कि प्रत्येक दल विधान परिषद चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत की जिम्मेदारी खुद ले। वो अपने उम्मीदवार के लिए अतिरिक्त वोट हासिल करने के मामले में उनसे सहयोग की उम्मीद ना करें।
दरअसल हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में शिवसेना के संजय पवार बीजेपी के धनंजय महादिक से हार गए। माना जा रहा है कि इस हार के बाद से एमवीए गठबंधन में अनबन चल रही। चुनाव के दौरान कुछ निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को वोट कर दिया, जबकि उनके एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं से अच्छे संबंध थे। इस वजह से शिवसेना नेताओं को लग रहा कि एनसीपी ने राज्यसभा चुनाव में उनकी दिल से मदद नहीं की। ऐसे में अब वो एमएलसी चुनाव में सहयोगी दलों के लिए अतिरिक्त वोट नहीं जुटाएंगे।
मामले में शिवसेना के वरिष्ठ नेता और राज्य सरकार में मंत्री ने नाम ना छापने की शर्त पर हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि उनका विचार एमएलसी चुनाव को लेकर साफ है। प्रत्येक पार्टी को अपने उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने इसके बारे में कांग्रेस और एनसीपी को बता दिया है। साथ ही कह दिया कि वो अतिरिक्त वोट के लिए शिवसेना से मदद की उम्मीद ना करें। उन्होंने कहा कि एनसीपी के करीबी निर्दलीय विधायकों ने हमारे उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। हालांकि वो इस मुद्दे पर एनसीपी पर उंगली नहीं उठा सकते हैं। उन्हें पूरी तरह से नहीं पता कि इसमें एनसीपी की मिलीभगत थी। हो सकता है कि बीजेपी ने उन्हें कुछ लालच दिया हो।
20 जून को होगा चुनाव
आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने 20 जून को महाराष्ट्र की 10 विधान परिषद की सीटों पर चुनाव करवाने का फैसला लिया है। इस चुनाव में भी क्रॉस वोटिंग और खरीद-फरोख्त की संभावना रहती है।