पटना के गांधी मैदान;एनआईए (NIA)
27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में आयोजित पीएम मोदी की हुंकार रैली में बीजेपी समर्थकों से खचाखच भरे गांधी मैदान में आतंकियों ने सीरियल ब्लास्ट किया था। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस सीरियल ब्लास्ट का मुख्य आरोपी हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी। 8 साल तक एनआईए कोर्ट में चली सुनवाई के बाद अदालत बुधवार को सजा सुनाने वाली है। फिलहाल सभी आरोपियों को पटना के बेउर जेल में कड़ी सुरक्षा में रखा गया है।
पटना के गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट मामले में एनआईए की टीम ने जांच के बाद 2014 में ही हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। आठ साल बाद सभी दस आरोपितों के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। इस मामले में एनआईए (NIA) कोर्ट कल फैसला देगा। आपको बता दें कि सीरियल ब्लास्ट मामले में जुवेनाइल कोर्ट द्वारा एक आरोपित को तीन साल सजा पहले ही सुनायी जा चुकी है।
पटना; जंक्शन पर हुआ था पहला ब्लास्ट.एनआईए (NIA)
पटना के गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट होने के पहले पटना जंक्शन के शौचालय में मानव बम बनाते समय एक आतंकी की गलती की वजह से विस्फोट हो गया था। नरेंद्र मोदी के पटना आगमन के पहले पटना जंक्शन पर हुए इस ब्लास्ट में पुलिस प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था। तब तक गांधी मैदान में भीड़ जुटनी शुरू हो चुकी थी और बीजेपी के कई नेता भी मंच पर आ चुके थे। बताया गया था कि मानव बम बनने की कोशिश कर रहे आतंकी की मंशा नरेंद्र मोदी के वाहन से टकराने की थी।
.ब्लास्ट के बाद बना था सांप्रदायिक तनाव का माहौल
पटना. के गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट के पास बिहार में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो चुका था। हालांकि स्थिति को संभालने के लिए मंच पर मौजूद बीजेपी के नेता लगातार यह कह रहे थे कि नरेंद्र मोदी के आगमन से उत्साहित कार्यकर्ता पटाखे फोड़ रहे हैं। लेकिन गांधी मैदान में मौजूद लाखों की भीड़, मीडिया और खुद मंच पर बैठे बीजेपी के नेता भी खुली आंखो से सच देख रहे थे। गांधी मौदान ब्लास्ट के ठीक एक दिन पहले यानी 26 अक्टूबर को गांधी मैदान से 25 मीटर दूर पुलिस ने लावारिस बैग बरामद किया था। हालांकि डॉग स्क्वायड और बम निरोधक दस्ता के जांच के बाद वह बैग खाली पाया गया था। गांधी मैदान में सीरियल ब्लास्ट के बाद बताया गया कि संभवतह पुलिस को भटकाने के लिए ही आतंकियों ने योजना के तहत खाली बैग प्लांट किया था।