Bihar Chunav 2025: जदयू को बड़ा झटका, पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा आरजेडी में शामिल — तेजस्वी बोले, “अब नीतीश अचेत अवस्था में”
पटना, 10 अक्टूबर 2025 | एशियन टाइम्स ब्यूरो रिपोर्ट
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का दामन थाम लिया।
पटना स्थित पोलो रोड आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई। इस मौके पर बांका के जदयू सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश, वैशाली के अजय कुशवाहा, और जहानाबाद के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के बेटे पूर्व विधायक राहुल शर्मा समेत सैकड़ों समर्थक भी आरजेडी में शामिल हुए।
जदयू नेतृत्व पर संतोष कुशवाहा का हमला
आरजेडी में शामिल होने के बाद संतोष कुशवाहा ने जदयू नेतृत्व पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा —नीतीश कुमार की पार्टी अब कुछ गिने-चुने लोगों के कब्जे में है। तीन नेताओं ने पूरी पार्टी हाईजैक कर ली है, और अब जदयू अपने मूल उद्देश्य से भटक गई है।”
उन्होंने जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा पर भी निशाना साधा और कहा “उन्हें पार्टी का अध्यक्ष जरूर बनाया गया है, लेकिन वे सिर्फ दरबानी की भूमिका निभा रहे हैं।”
संतोष कुशवाहा ने यह भी कहा कि पार्टी के कई पुराने नेता और कार्यकर्ता अंदर ही अंदर नाराज हैं और चुनाव से पहले “बड़ी टूट” देखने को मिलेगी।
तेजस्वी यादव का पलटवार — “अब नीतीश अचेत अवस्था में हैं”
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि संतोष कुशवाहा और उनके समर्थकों के आने से पार्टी और मजबूत होगी। उन्होंने नीतीश कुमार और जदयू पर तंज कसते हुए कहा
“अब हमारे चाचा अचेत अवस्था में हैं, बिहार की सरकार पटना से नहीं, दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चलाई जा रही है।”
तेजस्वी ने आगे कहा कि जनता अब बदलाव चाहती है और 2025 का चुनाव “जनता बनाम सत्ता” का होगा। उन्होंने विश्वास जताया कि महागठबंधन की सरकार 2025 में भारी बहुमत से बनेगी, और “बिहार को नई दिशा मिलेगी।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
संतोष कुशवाहा का आरजेडी में जाना जदयू के लिए बड़ा राजनीतिक झटका माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जदयू के कई पुराने और प्रभावशाली नेता अब खुद को हाशिए पर महसूस कर रहे हैं।
पूर्णिया और कोसी क्षेत्र में संतोष कुशवाहा की पकड़ को देखते हुए आरजेडी के लिए यह कदम एक “सामरिक सफलता” के रूप में देखा जा रहा है।
वहीं, जदयू प्रवक्ताओं ने कहा है कि “जो लोग निजी स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़ते हैं, उन्हें जनता जवाब देगी।”
बिहार चुनाव 2025 की पृष्ठभूमि
बिहार में चुनावी माहौल तेजी से गर्म हो चुका है। महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वामदल) और एनडीए (जदयू, भाजपा, एलजेपीआर आदि) के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है।
नीतीश कुमार एक बार फिर सत्ता में वापसी की कोशिश में हैं, वहीं तेजस्वी यादव युवा नेतृत्व के साथ “बदलाव का नारा” बुलंद कर चुके हैं।
संतोष कुशवाहा के शामिल होने से आरजेडी को पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल और अररिया जैसे जिलों में संगठनात्मक मजबूती मिलने की उम्मीद है।
इस राजनीतिक घटनाक्रम ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है।
जदयू के अंदर असंतोष की खबरें पहले से ही आ रही थीं, और अब पूर्व सांसद का आरजेडी में शामिल होना पार्टी के भीतर “संकट संकेत” के रूप में देखा जा रहा है।
2025 के चुनावों से पहले यह घटना बिहार की राजनीति में “गेम चेंजर” साबित हो सकती है।
 
				Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)
 
								 
								

 
															




