📰 एशियन टाइम्स ब्यूरो, पटना | विशेष रिपोर्ट
पटना। बिहार की राजनीति में लंबे समय से सुर्खियों में रहे राजद विधायक रीतलाल यादव को मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। पटना स्थित एमपी/एमएलए कोर्ट ने बहुचर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में उन्हें जमानत प्रदान की है।
यह मामला भाजपा नेता एवं दानापुर की पूर्व विधायक आशा सिन्हा (उर्फ आशा देवी) के पति सत्यनारायण सिन्हा की हत्या से जुड़ा है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया।
जमानत की खबर मिलते ही दानापुर क्षेत्र में रीतलाल यादव के समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। समर्थकों ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयाँ बाँटकर खुशी जताई। पूरे इलाके में इसे “रीतलाल यादव की कानूनी जीत” के रूप में देखा जा रहा है।
20 साल पुराना मामला — 2003 में हुई थी हत्या
इस हत्याकांड की जड़ें करीब 20 साल पुरानी हैं।
मामला 30 अप्रैल 2003 का है, जब पटना के गांधी मैदान में “तेल पिलावन, लाठी घुमावन रैली” आयोजित हुई थी। उसी दिन खगौल के जमालुद्दीन चक के पास भाजपा नेता सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जांच में रीतलाल यादव समेत कई अन्य लोगों पर हत्या की साजिश रचने और अपराधियों को शरण देने के आरोप लगे थे।
मामला वर्षों से अदालत में लंबित था और अब जाकर अदालत से उन्हें राहत मिली है।
पहले भी विवादों में रहा नाम, फिर भी कायम जनाधार
दानापुर के विधायक रीतलाल यादव का नाम पहले भी कई विवादित मामलों और आपराधिक घटनाओं में आ चुका है।
हालांकि, इन विवादों के बावजूद वे अपने क्षेत्र में मजबूत जनाधार वाले नेता माने जाते हैं।स्थानीय स्तर पर उनकी जनसंपर्क क्षमता और सामाजिक पकड़ को लेकर लोगों में अलग ही चर्चा रहती है।
सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में मिली यह जमानत रीतलाल यादव के लिए बड़ी कानूनी जीत मानी जा रही है, जबकि विपक्ष इसे न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बताकर राजनीतिक रंग देने से बच रहा है।
राजनीतिक हलचल तेज, विरोधी दलों की निगाहें दानापुर पर
जमानत मिलने के बाद बिहार की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है।राजद खेमे में खुशी, वहीं विपक्षी दलों में मौन लेकिन गहरा असंतोष देखा जा रहा है।दानापुर विधानसभा क्षेत्र में अब रीतलाल यादव के समर्थक एक बार फिर राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने की तैयारी में जुट गए हैं।
📍स्थान: पटना / दानापुर
🗓️ तारीख: 7 अक्टूबर 2025
✍️ रिपोर्टर: एशियन टाइम्स ब्यूरो, बिहार
 
				Author: Noida Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)
 
								 
								

 
															





