एशियन टाइम्स विशेष रिपोर्ट
📍 स्थान: वार्ड संख्या 22B, बिहार
EPIC नंबर: RAB4607776
नाम: हेमंत कुमार
स्थिति: डॉक्यूमेंट सबमिशन — Partial, नाम — वोटर लिस्ट से गायब
मामला क्या है?
बिहार के वार्ड संख्या 22B में लोकतंत्र की बुनियाद को हिला देने वाला मामला सामने आया है। पत्रकार हेमंत कुमार, जिनका नाम लोकसभा चुनावों में मतदाता सूची में शामिल था और जिन्होंने अपना मताधिकार भी प्रयोग किया था, अब विधानसभा चुनावों में वोट नहीं डाल पाएंगे — क्योंकि वोटर लिस्ट से उनका नाम हटा दिया गया है।
यह मामला केवल एक नागरिक का नहीं, पूरे लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करता है।
पूरा घटनाक्रम
हेमंत कुमार, एक पेशेवर रिपोर्टर और जागरूक नागरिक, जिन्होंने लोकसभा चुनावों में मतदान किया था।
आधार कार्ड से उनका वोटर ID (RAB4607776) पहले से लिंक था।
स्थानीय बीएलओ (Booth Level Officer) ने उनके डॉक्यूमेंट्स की मांग की, जो उन्होंने समय रहते WhatsApp के जरिए उपलब्ध करा दिए।
इसके बावजूद, उनका नाम आगामी विधानसभा चुनावों के लिए प्रकाशित मतदाता सूची से काट दिया गया।
प्रशासनिक चूक या जानबूझी गई लापरवाही?
एक पत्रकार होने के बावजूद जब इस तरह की लापरवाही हो सकती है, तो आम जनता का क्या होगा?
क्या ये सिर्फ टेक्निकल एरर है या फिर लापरवाह सिस्टम का चेहरा?
लोकतंत्र की मूल आत्मा को चोट
1. क्या ये मामला दिखाता है कि वोटर ID और आधार लिंकिंग के बावजूद भी नाम कट सकते हैं?
क्या वोटर डेटा की सत्यता और सुरक्षा पर अब भरोसा किया जा सकता है?
. क्या बीएलओ के द्वारा मांगे गए डॉक्यूमेंट देने के बावजूद नाम हटाना एकतरफा कार्रवाई नहीं है?
एशियन टाइम्स ने जो तथ्य जुटाए:
EPIC नंबर: RAB4607776
नाम: हेमंत कुमार
वोटिंग किया गया: लोकसभा चुनाव 2024 में
विधानसभा वोटिंग: अयोग्य घोषित, क्योंकि नाम लिस्ट में नहीं
दस्तावेज की स्थिति: Partial (जबकि व्हाट्सएप पर उपलब्ध करा दिए गए थे)
हेमंत कुमार का बयान:
“मैंने समय पर डॉक्यूमेंट्स दिए, मेरा आधार लिंक था। फिर भी नाम काट दिया गया। अगर मेरे साथ ऐसा हुआ है तो आम जनता की हालत और भी बुरी होगी। एशियन टाइम्स से उम्मीद है कि इस सच्चाई को सामने लाए।”
एशियन टाइम्स की मांग
बिहार राज्य निर्वाचन आयोग से स्पष्टीकरण
Ward 22B के बीएलओ के खिलाफ जांच
डिजिटल सबूत (WhatsApp कम्युनिकेशन) की मान्यता
मतदाता सूची संशोधन की पारदर्शी प्रक्रिया
अगर एक पत्रकार का नाम इस तरह अन्यायपूर्वक मतदाता सूची से हटाया जा सकता है, तो सवाल बनता है —
“क्या हमारा लोकतंत्र वाकई हर नागरिक की आवाज सुनता है?”
एशियन टाइम्स इस लड़ाई को जनता के लिए आगे बढ़ाएगा।
क्या आप भी ऐसे किसी अन्याय का शिकार हुए हैं?
📩 हमें भेजें अपनी कहानी:
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रिपोर्ट: एशियन टाइम्स नेटवर्क

Author: Bihar Desk
मुख्य संपादक (Editor in Chief)